नई दिल्ली। सप्ताहांत पर नोट बदलने के लिए लोगों की कतार बैंकों और एटीएम के बाहर पहले से भी ज्यादा लंबी देखने को मिली। बैंकों को लोगों की भीड़ को संभालने में काफी संघर्ष करना पड़ा। लगातार चौथे दिन आधे से अधिक एटीएम बंद रहे। वहीं जो एटीएम चल भी रहे थे उनमें कुछ घंटों में नकदी खत्म हो गई।
गौरतलब है कि सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया है ऐसे में लोग नोट बदलने और नकदी लेने के लिए बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारों में दिखाई दे रहे हैं।
इस तरह की रपटें हैं कि लाइन में लगे लोगों तथा बैंक अधिकारियों के बीच कई बार गर्मागर्मी हुई। लोग घंटों लाइन में लगे थे और उनकी बारी आने पर बैंकों के पास नकदी समाप्त हो जाती थी।
बैंकों की शाखाओं के बाहर कतारों में महिलाओं और बुजुर्ग लोगों की भी काफी संख्या है जो अपनी रोजमर्रा के खर्च के लिए मान्य मुद्रा लेने के लिए लाइन में लगे हुए हैं। देश में कुल 2.02 लाख एटीएम हैं। अभी सभी एटीएम को 2000 और 500 के नए नोट के लिए व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। इससे मुख्य रूप से नकदी में लेनदेन करने वाली छोटे कारोबारी प्रभावित हो रहे हैं।
बैंक अधिकारियों का मानना है कि कल रविवार होने की वजह से उन्हें अधिक भीड़ को संभालना होगा। कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि पुराने नोटों को बंद करने से विशेष रूप से निम्न मध्यम वर्ग की खरीद क्षमता प्रभावित हुई है और इससे लघु अवधि में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी।
बैंकों ने अपने एटीएम में निकासी को मुफ्त कर दिया है। एक्सिस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों ने पेट्रोल पंपों पर कार्ड के इस्तेमाल पर अधिभार हटा दिया है।
बैंकों के अनुसार इस स्थिति के सामान्य होने में अभी और समय लगेगा। इसमें आठ से दस दिन भी लग सकते हैं।