नई दिल्ली। सरकारी शोध समूह नीति आयोग ने आयातित ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए पेट्रोल में तीन प्रतिशत मेथनॉल मिश्रित करने के संबंध में एक मंत्रिमंडलीय नोट का मसौदा तैयार किया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘नीति आयोग की विशेषज्ञ समिति ने मेथनॉल मिश्रित पेट्रोल पर एक मंत्रिमंडलीय नोट का मसौदा तैयार किया है और वह इसे विचार-विमर्श करने के लिए परिवहन मंत्रालय के पास भेजेगी। आयोग ने पेट्रोल में तीन प्रतिशत मेथनॉल मिश्रित करने का सुझाव दिया है।’’
अधिकारी ने कहा कि चीन जैसे देश मेथनॉल मिश्रित ईंधन का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर रहे हैंं। मेथनॉल पेट्रोल के स्थान पर एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
पिछले साल नीति आयोग के सदस्य और मेथनॉल समिति के अध्यक्ष वी. के. सारास्वत ने कहा था कि मेथनॉल भारत की पेट्रोलियम आयात लागत को कम करके अर्थव्यवस्था में मदद करेगा साथ ही भूमंडलीय तापमान में वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) की समस्या को भी कम करने में सहायक होगा।
ताजा अनुमानों के मुताबिक मेथनॉल का उत्पादन भारत की ईंधन आयात लागत में बहुत कटौती कर सकता है। पेट्रोलियम आयात पर भारत सालाना करीब छह लाख करोड़ रुपए खर्च करता है।
भारत में अभी एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का इस्तेमाल हो रहा है।