मुंबई। सरकार द्वारा 18 नवंबर तक टोल नाकों पर टोल संग्रहण बंद किए जाने के फैसले के मद्देनजर एनएचएआई ने इससे सम्बद्ध परिचालक कंपनी को हुए 75 प्रतिशत नुकसान की भरपाई का प्रस्ताव किया है।
एनएचएआई के चेयरमैन राघव चंद्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, औसतन हर दिन देश भर में 60-75 करोड़ रूपए दैनिक टोल संग्रहण होता है इसलिए इस मद में होने वाला नुकसान इस दायरे में है। हमने टोल परिचालक फर्मों को लगभग 75 प्रतिशत नुकसान की अंतरिम भरपाई करने को कहा है ताकि उनका नकदी प्रवाह बढाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 8 नवंबर की रात 500 व 1000 रपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इसके बाद सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सभी टोल कंपनियों से कहा कि टोल संग्रहण रोक दें ताकि वाहनों का सुगम परिचालन सुनिश्चित हो।
उन्होंने कहा कि कुछ टोल नाके सार्वजनिक वित्तपोषित हैं तो अन्य टोल नाके निजी है। एनएचएआई ने इस आशय का प्रस्ताव का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।