नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड उद्योग को उम्मीद है कि सरकार के नोटबंदी के कदम के बाद वित्तीय उत्पादों में निवेश बढ़ेगा और खुदरा व बड़े एचएनएआई निवेशकों से लगभग 1.5 लाख करोड़ रूपए का निवेश आएगा।
म्यूचुअल फंड विशेषज्ञों का मानना है कि नोटबंदी से मुास्फीति नरम होगी, सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी तथा आने वाली तिमाहियों में ब्याज दर घटाने में मदद मिलेगी ... इससे निवेशक म्यूचुअल फंड आदि में निवेश को प्रोत्साहित हो सकते हैं।
मोतीलाल ओसवाल असेट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ आशीष सोमैया ने कहा,‘ नोटबंदी के बाद 2-3 तिमाहियों में इक्विटी बाजार में काफी तेजी का रख देखने को मिल सकती है। निवेश के रूप में रीयल एस्टेट व सोने के कें में रहने के कारण म्यूचुअल फंडों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने नोटबंदी के तहत 500 रूपए व 1000 रपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया है।
डीएचएफएल प्रामेरिका एएमएसी के सीआईओ इक्विटीज ई ए सुंदरम ने कहा, देश में कुल वित्तीय बचत में मुद्रा नोटों का हिसा 9 प्रतिशत है जिसे ध्यान में रखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि पूंजी बाजार आस्तियों का हिस्सा बढ़ेगा।