अगले वित्त वर्ष में होगी और पवन ऊर्जा परियोजनाओं की नीलामी

Samachar Jagat | Monday, 27 Feb 2017 05:34:01 AM
More wind power projects to go under hammer next fiscal

नई दिल्ली। सरकार पवन ऊर्जा परियाजनाओं की पहली नीलामी में शुल्क के रिकॉर्ड 3.46 रुपए प्रति यूनिट के न्यूनतम स्तर पर जाने से उत्साहित है और अगले वित्त वर्ष में ऐसी और परियोजनाओं की नीलामी पर विचार कर रही है।

बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘मोदी सरकार के लिए हॉलमार्क-पारदर्शिता से पवन ऊर्जा के लिए दरों में कमी आई है। इस प्रकार की और परियोजनाएं होंगी।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या अधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में पवन ऊर्जा की दरों में और कमी आने की संभावना है, उन्होंने कहा, ‘‘यह शुल्क आधारित प्रतिस्पर्धी बोली की खूबसूरती है। हम शुल्क की भविष्यवाणी नहीं कर सकते। वह बोलीदाता है जो यह निर्णय करता है कि कौन सी कीमत लगानी है। मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।’’

गोयल का मानना है कि डाटा भरने और पारदिर्शता के अभाव में पवन ऊर्जा की औसत दर पांच रुपए प्रति यूनिट से उपर बनी हुई थी।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव राजीव कपूर ने कहा, ‘‘हम अगले वित्त वर्ष में और पवन ऊर्जा परियोजनाओं की नीलामी पर गौर करेंगे...हमने मात्रा के बारे में निर्णय नहीं किया है क्योंकि यह राज्यों की मांग पर निर्भर करेगा।’’

पवन ऊर्जा की दरों का निर्धारण अबतक बिजली नियामक द्वारा जमीन का मूल्य, उपकरण और कर्ज की लागत जैसे आंकड़े उपलब्ध कराने के आधार पर होता था।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह हुई पवन ऊर्जा नीलामी में दरें न्यूनतम 3.46 रुपए प्रति यूनिट पर पहुंच गई। इस नीलामी का आयोजन सार्वजनिक क्षेत्र की सौर ऊर्जा निगम एसईसीआई ने किया। इसमें माइत्रा एनर्जी, ग्रीन इंफ्रा विंड एनर्जी, इनोक्स विंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज, ओस्ट्रो कच्छ विंड और अडाणी ग्रीन एनर्जी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनियों के रूप में उभरी।



 

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