कोबे। प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने आज कालाधन रखने वालों के खिलाफ और कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंंने बंद किए गए नोटों को जमा कराने की 30 दिसंबर की समयसीमा समाप्त होने के बाद और कदम उठाने का संकेत देते हुए कहा कि जिन लोगों के पास बेहिसाबी धन है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
इसके साथ ही मोदी ने कहा कि ईमानदार लोगों को सरकार से घबराने की जरूरत नहीं है। विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक वर्ग इस योजना को लेकर उनके खिलाफ बोलने के लिए लोगों को उकसा रहा है।
मोदी ने कहा कि मैं लोगों से बार-बार कहना चाहता हूं कि सरकार ईमानदार लोगों के संरक्षण के लिए हर कदम उठाएगी। लेकिन बेईमान सावधान रहें, आपको इसके लिए भुगतना होगा।
मोदी ने कहा कि मैं एक बार फिर यह घोषणा करना चाहूंगा कि इस योजना के बंद होने के बाद इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कालाधन रखने वालों को ठिकाने लगाने के लिए दंड देने के लिए कोई नया कदम नहीं उठाया जाएगा।
यहां एक स्वागत समारोह में वह भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने भाषण में कई बार चुटकियां लीं और हंसी मजाक किया। मोदी ने कहा कि कालाधन रखने वालों को साफ-सुथरा होकर निकलने का मौका दिया गया था।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि उन्हें मौका नहीं दिया गया। इसके बावजूद यदि आपको लगता है कि यह सामान्य नहीं है, तो इसमें मेरी गलती नहीं है।
मोदी ने कहा कि यदि 30 दिसंबर के बाद आपको लगता है कि कोई कार्रवाई नहीं होगी, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपके खिलाफ दंडित करने को कोई नया कदम नहीं उठाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी 8 नवंबर की 500 और 1,000 के नोट बंद करने की घोषणा पर कहा कि सरकार ने यह अचानक किया।
उन्होंंने कहा कि सरकार इससे पहले कालेधन की घोषणा की योजना लेकर आयी थी। पहले चरण में इसके तहत 67,000 करोड़ रुपए की घोषणा की गई। उसके बाद भी लोगों ने कहा कि मोदी विफल हो गए। पिछले दो साल में 1.25 लाख करोड़ रुपए के कालेधन का पता लगाया गया है।
मोदी ने कहा कि सरकार ने जो किया है वह किसी को परेशान करने के लिए नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिक्कतें हैं। मैंने ईमानदार लोगों को अपना पैसा जमा कराने के लिए 50 दिन का समय दिया है। लेकिन मैं साफ करना चाहता हूं कि यदि कुछ बेहिसाबी सामने आता है, तो आजादी के बाद का सारा रिकॉर्ड खंगालूंगा।
‘‘इसकी जांच के लिए जितने लोगों को लगाने की जरूरत होगी, लगाऊंगा। ईमानदार लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जो मुझे जानते हैं वे समझदार भी हैं। उन्होंने इसे बैंकों के बजाय गंगा में डालना बेहतर समझा। लोग 25 पैसे भी गंगा में डालने से मना करते हैं।’’
उनका इशारा इन रपटों पर था कि बंद किए जा चुके 500 और 1,000 के नोट गंगा नदी में प्रवाहित किए गए हैं। मोदी ने इसे ‘स्वच्छता अभियान’ करार दिया। उन्होंने कहा कि आठ नवंबर को इस घोषणा के बाद लोगों द्वारा परेशानी का जिस चुनौतीपूर्ण तरीके से सामना किया गया, वह काबिले तारीफ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं अपने देश के लोगों को सलाम करता हूं। लोग चार से छह घंटे तक लाइन में खड़े हुए हैं लेकिन उन्होंने राष्ट्रहित में इस फैसले को स्वीकार किया जैसा कि 2011 की आपदा के बाद जापान ने किया था।
उन्होंने कहा कि मैंने लोगों के समक्ष आने वाली परेशानियों पर लंबे समय तक विचार किया लेकिन इसे गोपनीय रखना भी जरूरी था। इसे अचानक किया जाना था, लेकिन मुझे कभी यह नहीं पता था कि इसके लिए मुझे शुभकामनाएं मिलेंगी।
मोदी ने कहा कि मंैं प्रत्येक और हर भारतीय को सलाम करता हूं। कई परिवारों मेें शादियां हैं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, उन्हेें असुविधा हो रही है, लेकिन उन्होंने फैसले को स्वीकार किया है।
सरकार की कार्रवाई की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि एक वर्ग लोगों को उनके खिलाफ बोलने के लिए उकसा रहा है लेकिन लोगों ने राष्ट्रीय हित में फैसले को स्वीकार किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए। लोग इस बात को लेकर खुश हैं कि मोदी का 1,000 का नोट भी अब नहीं चलेगा।
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि दुनिया इस बात को स्वीकार कर रही है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में है। देश को ऐतिहासिक रूप से काफी उंचा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई मिल रहा है।
मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक सभी एक आवाज में बोल रहे हैं। आईएमएफ ने कहा है कि भारत उम्मीद की किरण है। विश्व अर्थशास्त्री मानते हैं कि भारत सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है। मेरी एफडीआई की अपनी परिभाषा है। पहली परिभाषा है कि पहले भारत का विकास करो, दूसरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।
मोदी ने बताया कि पिछले दो साल में सरकार की विभिन्न पहल से 1.25 लाख करोड़ रुपए का कालाधन बाहर आया है।