नई दिल्ली। नोटबंदी की घोषणा के करीब एक महीने बाद भी बैंक शाखाओं तथा एटीएम के आगे कतारें कम नहीं हो रही हैं। लोग अपने वेतन का पैसा पाने के लिए अब भी घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं कई बैंक कम नकदी होने की वजह से सरकार द्वारा तय सीमा से कम रकम ग्राहकों को दे रहे हैं।
नकदी की कमी से जूझ रहे हैं बैंकों ने निकासी के लिए स्वयं से सीमा लगाई है। इसके तहत कुछ मामलों में ग्राहकों को 2,000 रुपए तक ही निकालने की अनुमति दी जा रही है जबकि रिजर्व बैंक ने प्रति सप्ताह 24,000 रुपए की सीमा तय की हुई है।
हालांकि रिजर्व बैंक का कहना है कि नोट की पर्याप्त आपूर्ति है और लोगों से नई मुद्रा घरों में जमा नहीं करने को कहा है।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि विभिन्न राशि के नोट बड़ी मात्रा में पहले लोगों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आपूर्ति निरंतर जारी है।
बैंक अधिकारियों के अनुसार कुछ कंपनियों में वेतन महीने की सात तारीख को आता है, ऐसे में शाखाओं में भीड़ है और यह स्थिति अगले 10-12 दिनों तक रहेगी।
एटीएम के संदर्भ में निजी क्षेत्र के एक बैंक अधिकारी ने कहा कि हालांकि 95 प्रतिशत एटीएम को नए नोटों के हिसाब से दुरुस्त कर दिया गया है लेकिन लाजिस्टिक का मुद्दा बना हुआ है। एटीएम को दिन में एक ही बार भरा जा रहा है।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा कि वेतन और पेंशन को लेकर भीड़ अगले 5-7 दिनों तक बनी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक नकद निकासी पर सीमा लगा रहे हैं।
बैंक अधिकारियों के अनुसार कुछ बैंक प्रति व्यक्ति केवल 2,000 रुपए दे रहे हैं जबकि जिनके पास नकदी की उपलब्धता अच्छी है, वे 10,000 रुपए से लेकर 12,000 रुपए तक निकासी की अनुमति दे रहे हैं।