Ban Impact: कानपुर के चमड़ा उद्योग के 50 हजार मजदूरों, कर्मचारियों का वेतन रूका, खाने के लाले पड़े 

Samachar Jagat | Thursday, 10 Nov 2016 02:27:32 PM
leather industry 50 thousand workers wages stopped afraid to eat there in kanpur

कानपुर। औदयोगिक शहर कानपुर के प्रमुख चमड़ा उद्योग के करीब 50 हजार कर्मचारियों मजदूरों को वेतन के लाले पड़ गये है क्योंकि टेनरी मालिको के पास नये नोट नही है और कर्मचारी पुराने 500 और 1000 के नोट लेने को तैयार नहीं है। आज भी शहर की कई टेनरी के कर्मचारियों ने वेतन के लिये टेनरियों के बाहर भीड़ लगाए रखी और कर्मचारियों ने काम नही किया। 

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शहर के जाजमउ इलाके में करीब चार सौ टेनरियां है जहां करीब 50 हजार मजदूर कर्मचारी काम करते है। टेनरियों में वेतन तारीख महीने की नौ से दस तारीख होती है। लेकिन अचानक 8 नवंबर को पांच सौ हजार के नोट बंद हो जाने से टेनरी मालिकों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वह इतने कर्मचारियों को नकदी में कहां से वेतन बांटे क्योंकि कर्मचारी 500 और 1000 के नोट लेने से मना कर रहे है। 


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तलत लेदर इंडस्ट्रीज के मालिक आसिफ खान ने आज बताया कि आज हमारी टेनरी के कार्यालय के सामने सैकड़ो मजदूर वेतन लेने के लिये खड़े है लेकिन हम उन्हें वेतन नही दे पा रहे है क्योंकि हमारे पास नये नोट ही नही है। बैंक से भी दस हजार रूपये से अधिक नही निकल पा रहे है। इसलिये न तो कर्मचारियों को वेतन दे पा रहे है जब वेतन नही दे पा रहे है तो मजदूर काम नही कर रहे है और काम बंद पड़ा है। 

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सुपर टेनरी के निदेशक इमरान सिददीकी ने बताया कि उनकी टेनरी में भी काम नही हो पा रहा है क्योंकि मजदूर आफिस का घेराव किये खड़े है और पिछले महीने के वेतन की मांग कर रहे है। अब हमारे पास पांच सौ, हजार के नोट है जो कर्मचारी लेने को तैयार नही है। अब कर्मचारियों मजदूरों को यह दिलासा दिया है कि टेनरी के एकाउंटेट को बैंक भेजा है वह जैसे ही पैसे लेकर आता है वेतन दे दिया जायेंगा लेकिन हम सच्चाई जानते है कि बैंक से दस हजार रूपये से ज्यादा नही मिलेगा जिससे हम अपने 120 मजदूरों कर्मचारियों को वेतन नही दे पायेंगे। 

कमोबेश ऐसा ही आलम पूरे जाजमउ इलाके में है जहां टेनरी कर्मचारी मजदूर अपनी अपनी टेनरी के सामने वेतन मिलने की आस में खड़े है क्योंकि यह चार पांच हजार रूपये प्रति माह कमाने वाले मजदूर इसी वेतन से अपने परिवार का पेट भरते है। 
भाषा



 

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