निर्माण एवं इंजीनियरिग के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली प्रमुख कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) भारतीय सेना के लिए स्वदेशी तोप 'K9 वज्र टी’ बनाएगी।
एल एंड टी ने इसके लिए रक्षा क्षेत्र की दक्षिण कोरियाई कंपनी हनवा टेकविन के साथ शुक्रवार को एक समझौता किया जिसमें दोनों कंपनियों की बराबर की भागीदारी होगी।
एलएंडटी के रक्षा एवं एयरोस्पेस प्रमुख जयंत डी. पाटिल और हनावा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिन यू वू ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
पाटिल ने बताया कि यह समझौता परियोजना विशेष के लिए तकनीकी साझेदारी है। भारतीय सेना को 42 महीने में 100 'K 9 वज्र-T’ ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड तोपों की आपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने बताया कि हनवा इस तरह की एक हजार से ज्यादा तोपों की दुनिया भर में आपूर्ति कर चुकी है, लेकिन भारतीय परिस्थितियों और गोला-बारूद के हिसाब से 'वज्र’ में कुछ बदलाव किए गए हैं- विशेषकर फायर कंट्रोल प्रणाली में।
उन्होंने बताया कि सेना ने 10 तोपों की पहली खेप की आपूर्ति के लिए डेढ़ साल का समय दिया है, लेकिन कंपनी इसकी आपूर्ति चालू वित्त वर्ष में ही करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इनका निर्माण उसके पुणे के पास तालेगांव स्थित रणनीतिक प्रणाली परिसर में किया जाएगा।
पहली खेप का 80 से 90 प्रतिशत विनिर्माण दक्षिण कोरिया में होगा जबकि शेष ऑर्डर के अधिकतर हिस्सों का विनिर्माण भारत में किया जाएगा। इस तोप के 50 प्रतिशत हिस्से भारत में बनाए जाएंगे जिनमें अधिकतर चल हिस्से शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय के साथ औपचारिक समझौते पर एक-दो दिन में हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।