नई दिल्ली। किशनगंगा और राटले परियोजनाओं पर भारत और पाकिस्तान में जारी गतिरोध का समाधान निकालने के लिए विश्व बैंक ने आज कुछ ‘विकल्प’ सुझाए हैं। विश्व बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने यहां वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ मुलाकात के दौरान यह विकल्प बताए।
अधिकारियों ने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि इस बारे में कुछ भी सार्वजनिक करने से पहले सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
इस बैठक में विदेश मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए। विश्व बैंक के प्रतिनिधि इयान सोलोमन भी यहां मौजूद थे। एक सूत्र ने बताया कि इस मामले पर भारत के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है।
इसलिए क्रिस्टलीना ने इस मुद्दे पर आगे बढऩे के लिए कुछ विकल्प बताए हैं। इन विकल्पों पर आगे बढऩे से पहले विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में उच्चाधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
पिछले साल पाकिस्तान ने विश्व बैंक में शिकायत की थी कि जम्मू-कश्मीर में ये दो परियोजनाएं जलसंधि का उल्लंघन करती हैं। हालांकि भारत का यही कहना है कि इससे संधि का उल्लंघन नहीं हो रहा। इसके साथ ही किसी निष्पक्ष विशेषज्ञ को नियुक्त करने की मांग की गई थी।