नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों एनपीए के मुद्दे के समाधान के लिए रिजर्व बैंक अधिकारियों के साथ कल एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक में फंसी संपत्ति मामले के तत्काल समाधान उपायों पर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में वित्तीय सेवा सचिव अंजली छिब दुग्गल भी शामिल होंगी।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद्र सुब्रमणियम ने जहां गैर-निष्पादित परिसंपत्ति एनपीए से निपटने क लिए ‘बैड बैंक’ के गठन का सुझाव दिया है वहीं रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने फंसी संपत्ति के समाधान के लिए निजी संपत्ति प्रबंधन कंपनी पीएएमसी और राष्ट्रीय संपत्ति प्रबंधन कंपनी एनएएमसी दो कंपनियां बनाए जाने की अवधारणा पेश की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 30 सितंबर 2016 को बढक़र 6.3 लाख करोड़ रूपए पर पहुंच गया है जो कि जून तिमाही के अंत में 5.5 लाख करोड़ रूपए था। पिछले महीने सुब्रमणियम ने बढ़े एनपीए से निपटने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी एआरसी या ‘बैड बैंक’ के गठन का विचार आगे बढ़ाया है और इसपर तेजी से काम करने की जरूरत है।
आचार्य ने पीएएमसी योजना का सुझाव दिया जो धातु, निर्माण, दूरसंचार और कपड़ा क्षेत्र के लिए हो सकता है जहां अल्पकाल में संपत्ति का आर्थिक मूल्य होगा। योजना के तहत 31 दिसंबर 2017 तक बैंक क्षेत्र से इन क्षेत्रों में फंसे 40 बड़े कर्ज के पुनर्गठन के लिए कहा जा सकता है।
एनएएमसी योजना उन क्षेत्रों के लिए अल्पकाल में व्यवहारिक हो सकती है जहां समस्या केवल अतिरिक्त क्षमता की नहीं बल्कि आर्थिक रूप से अव्यवहारिक संपत्ति की है।