नई दिल्ली। नोट बदलने में हो रही असुविधा पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को खेद जताया। परेशान हो रहे लोगों के बीच गुस्सा बढ़ रहा है। ऐसे में जेटली ने लोगों से थोड़ा धैर्य रखने को कहा। उन्होंने कहा कि बेशक अभी परेशानी है लेकिन दीर्घावधि में इस कदम से अर्थव्यवस्था को व्यापक लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि नकदी निकालने वाले देशभर के करीब दो लाख एटीएम को वापस से सामान्य तौर पर काम करने में लगभग तीन सप्ताह का समय लगेगा क्योंकि इन्हें 2,000 और 500 रपए के नए नोटों के अनुरूप ढाला जा रहा है।
उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 1000 और 500 रुपए के बंद हो चुके 14 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोटों को बदलने के लिए बैंकों को पर्याप्त मात्रा में मुद्रा उपलब्ध कराई है। सरकार इस स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। यह एक ‘व्यापक अभियान’ है।
वित्त मंत्रालय ने इस स्थिति पर बातचीत करने के लिए रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस भी की है। इस स्थिति से निपटने के लिए देशभर में सभी बैंक इस सप्ताहांत पर खुले रहेंगे।
तत्काल बुलाई एक प्रेस वार्ता में जेटली ने लोगों से अपील की कि अब चलन से बाहर हो चुके नोटों को बदलने में वे संयम बरतें और बैंकों के बाहर भीड़ न लगाएं। इन नोटों को बदलने के लिए सरकार ने 50 दिन का समय दिया है।
देश में इस समय मात्र 40 प्रतिशत एटीएम खुले हैं और उनमें भी कुछ ही घंटों में नकदी समाप्त हो गई। पांच सौ रुपए के नए नोट केवल दिल्ली और मुंबई में उपलब्ध हैं और रिजर्व बैंक ने मांग को पूरा करने के लिए 100 के नोटों की आपूर्ति पहले ही शुरू कर दी है।
तीन दिन के भीतर दूसरी बार प्रेस वार्ता करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि गोपनीयता बनाए रखने के चलते एटीएम मशीनों को पहले से तैयार नहीं किया जा सकता था। मशीनों को नए नोट के हिसाब से बदलने में हजारों लोग जुटे हुए हैंै, ऐसे में गोपनीयता रखना मुश्किल होता। अभी इसे नए नोट के हिसाब से परिवर्तन करने में दो से तीन सप्ताह का समय लगेेगा।
नोटों को चलन से बाहर करने को एक व्यापक अभियान बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे शुरुआती कुछ दिनों में असुविधा हो सकती है लेकिन दीर्घावधि में कुल मिलाकर यह अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाएगा।
उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि लोगों को असुविधा हो रही है क्योंकि नोट बदलने के लिए उन्हें बैंक जाना पड़ रहा है और कतार में लगना पड़ रहा है। लघु अवधि में इससे कुछ परेशानी होना ‘सामान्य’ है।
उन्होंने कहा कि लेकिन एक बार व्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली में मुद्रा उपलब्ध हो जाने के बाद इससे कारोबार और अर्थव्यवस्था को दूरगामी लाभ होगा। इस अतिरिक्त पूंजी से बैंको की कारोबार को समर्थन करने की क्षमता बढ़ेगी।
जेटली ने कहा कि इस अस्थाई असुविधा से मध्यम और दीर्घावधि में अर्थव्यवस्था को व्यापक लाभ होगा।
जेटली ने कहा कि बैंकों ने भीड़ के प्रबंधन को लेकर चिंता जताई है। इसके अलावा बैंकों का कहना है कि कुछ ग्राहक छोटे मूल्य की मुद्रा की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि, बड़ी मात्रा में करेंसी उपलब्ध है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि संबंधित शाखा में ग्राहक के पसंद की मुद्रा उपलब्ध न हो। ऐसे में मैं लोगों से अपील करूंगा कि जो भी करेंसी उपलब्ध हो वे उसे स्वीकार करें और किसी विशेष मूल्य की मुद्रा की मांग न करें।
जेटली ने उम्मीद जताई कि समय के साथ बैंक अधिक लोगों को सेवा दे पाएंगे और भीड़ भी कम होने लगेगी।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक और बैंक तैयार हैं। अभी स्थिति शांतिपूर्ण है। लंबी कतारें हैं, लेकिन लोग अनुशासित तरीके से कतारों में हैं। इस बात की कोई सीमा नहीं है कि आप कितनी बार पुरानी करेंसी को बदल सकते हैं।
देश के कुछ हिस्सों में सोमवार को गुरुनानक जयंती पर बैंक बंद रहेंगे। हालांकि पश्चिमी और दक्षिणी भारत में बैंक खुलेंगे।