बेंगलुरू। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कर्मचारियों के संगठन ने इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति की यूनियन को लेकर आशंका को दूर करते हुए कहा कि वह हड़ताल या तालाबंदी में विश्वास नहीं करते बल्कि ‘सहानुभूतिशील श्रमिक संघवाद’ पर भरोसा करते हैं जहां समस्या का समाधान समग्र रूप से होता है।
आईटी कर्मचारियों के मंच की उपाध्यक्ष वासुमति ने कहा, ‘‘हम यूनियन के गठन को लेकर नारायण मूर्ति की आशंका से असहमत हैं...हम ‘सहानुभूतिशील श्रमिक संघवाद’ में विश्वास रखते हैं जहां समस्या का समाधान आईटी क्षेत्र को नुकसान पहुंचाये बिना समग्र रूप से किया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मूर्ति सहानुभूतिशील पूंजीवाद की बात कर सकते हैं तो आखिर हमें ‘सहानुभूतिपूर्ण श्रम संघवाद’ पर बात क्यों नहीं कर सकते? आईटी पेशेवर एक मत से हड़ताल या हिंसक विरोध प्रदर्शन के पक्ष में नहीं हैं।’’
उल्लेखनीय है कि मूर्ति ने एक समाचार चैनल से कहा था कि श्रमिक संघवाद बेहतर समाधान हो सकता है लेकिन दीर्घकाल में यह कुछ लोगों के हाथ में चला जाएगा और हो सकता है कि उनका निर्णय आईटी उद्योग के हित में नहीं हो। यह युवाओं और आईटी उद्योग के लिये ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि आईटी कंपनियों को सहानुभूतिशील पूंजीवाद को अपनाना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो जिनकी नौकरी जाती है, वे यूनियन में जा सकते हैं।
आल इंडिया आईटी एम्पलायज एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकीमुद्दीन ने कहा कि हड़ताल के अलावा और कई उपाय हैं जिससे सरकार पर दबाव डाला जा सकता है। इसमें सोशल मीडिया महत्वपूर्ण है। -(एजेंसी)