नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी को एक जुलाई से लागू कर लिया जाएगा। जीएसटी लागू होने से वस्तुएं और सेवाएं सस्ती होंगी और कर चोरी मुश्किल होगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सात से आठ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल करना मुमकिन है और यदि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में स्थिति सुधरती है तो देश की आर्थिक वृद्धि दर इससे भी बेहतर हो सकती है।
जेटली ने कहा कि नोटबंदी से समानांतर अर्थव्यवस्था को हतोत्साहित किया जा सकेगा और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक अर्थव्यवस्था के साथ जोडऩे में मदद मिलेगी। इससे सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी का आकार बढ़ेगा और यह अधिक साफ सुथरी होगी।
जेटली ने यहां राष्ट्रकुल देशों के महालेखाकारों के 23वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, सबसे बड़ा कर सुधार जिसे हम एक जुलाई 2017 से लागू करने की कोशिश कर रहे हैं वह वस्तु एवं सेवाकर है ...। उन्होंने कहा, इससे कराधान बढ़ेगा। जीएसटी लागू होने के बाद कर के उपर कर नहीं लगेगा और वस्तुऐं, उपभोक्ता जिंस और सेवायें कुछ सस्ती और अधिक सुविधाजनक होंगी।
जेटली ने कहा कि कर विभाग आयकर विभाग को इतना मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है कि कर चोरी करना काफी मुश्किल हो जाए। उन्होंने कहा कि इसके बाद केवल सीमित संख्या में ही मामलों को जांच परख के लिए लिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा, जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी विधेयक इस समय संसद के समक्ष हैं और इनके पारित होने के बाद इस साल के मध्य तक हम इसपर अमल होने की उम्मीद कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में इस समय जो जटिल कर प्रणाली है वह दुनिया की सबसे सरल कर प्रणाली बन जाएगी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इसी सप्ताह जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इन विधेयकों को संसद के चालू बजट सत्र में पेश किया जाएगा। आर्थिक वृद्धि के बारे में जेटली ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा।
पिछले लगातार तीन सालों से हम सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था रहे हैं, आगे भी हम बने रहेंगे। मेरा मानना है कि भारत के लिए सात से आठ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल करना तार्किक रूप से पूरी तरह मुमकिन है। उन्होंने कहा, यदि दुनिया के देशों में अच्छी वृद्धि होती है तो हम भी और तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।