बार्सिलोना। दूरसंचार सचिव जे एस दीपक ने कहा कि भारतीय दूरसंचार बाजार में एकीकरण का नया दौर शुरू आ रहा है और इससे पांच बड़ी कंपनियों के बने रहने की संभावना है। इससे पर्याप्त प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी।
चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल सेवा बाजार भारत इस समय व्यापक स्तर पर एकीकरण के दौर से गुजर रहा है। नई कंपनी रिलायंस जियो से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए पुरानी कंपनियां विलय पर गौर कर रही हैं । इस लिहाज से उनकी टिप्पणी महत्वपूर्ण है।
जियो की मुफ्त ‘वायॅस कॉल’ और डेटा योजना को देखते हुए दूरसंचार कंपनियों को दरें कम करनी पड़ी हैं और इससे उनके लाभ पर असर पड़ा। साथ ही इसके कारण उद्योग में एकीकरण की दिशा में तेजी देखी जा रही है।
दीपक ने कहा, आय में गिरावट चिंताजनक है और इसका भी समाधान हो रहा है....मुफ्त सेवा और आय में कमी का दौर समाप्त होगा। इस पृष्ठभूमि में भारत में न केवल निवेश का स्वागत है बल्कि उनके उत्पादक होने की भी संभावना है।
यहां मोबाइल वल्र्ड कांग्रेस की बैठक में भाग लेने आए दूरसंचार सचिव ने कहा, ....जिस तरीके से चीजें आगे बढ़ रही हैं, एकीकरण भारत के लिए अच्छा होने जा रहा है क्योंकि इससे हमारे पास चार निजी और एक सरकारी कंपनी बीसएनएल-एमटीएनएल हो सकती हैं, जो आदर्श स्थिति होगी और ऐसा होने की पूरी संभावना है।
दूरसंचार सचिव जे एस दीपक ने कहा कि एकीकरण के बाद पांच कंपनियों के होने से पर्याप्त प्रतिस्पर्धा होगी लेकिन स्पेक्ट्रम का विभाजन नहीं होगा, यह भारतीय बाजार के लिए अनुकूल है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने नार्वे की टेलीनॉर की भारतीय इकाई के अधिग्रहण की घोषणा की। वहीं वोडाफोन और आइडिया पहले ही भारत में अपने कारोबार के विलय पर विचार की बात कह चुकी हैं।
अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस पहले ही एयरसेल के साथ विलय के लिए समझौता कर चुकी हैं। दरों को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा से दूरसंचार कंपनियों के मुनाफे पर पड़ रहे असर के बारे में पूछे जाने पर दीपक ने कहा, दूरसंचार बड़े पैमाने का कारोबार है....बड़े पैमाने के कारोबार में कम दर होने पर भी लाभ की संभावना है और कंपनियों ने यह प्रदर्शित किया है। हो सकता है लाभ तुंरत नहीं आए लेकिन जो दीर्घकाल तक बने रहेंगे, उन्हें जरूर मुनाफा होगा।