नई दिल्ली। चौथी अंतरराष्ट्रीय कृषि (सस्य) विज्ञान कांग्रेस कल से यहां शुरू हो रही है जिसमें जलवायु परिवर्तन,भविष्य में पानी की कमी और इसकी गुणवत्ता में आ रही कमी, मिट्टी की उर्वरता में आ रही गिरावट तथा ऊर्जा स्रोतों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
कांग्रेस के प्रमुख तथा कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल बोर्ड के अध्यक्ष गुर बचन सिंह ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 26 नवम्बर तक चलने वाली इस कांग्रेस का मुख्य विषय ‘भूख समाप्त करने की चुनौती से निपटने के लिए प्राकृतिक संसाधनों, पर्यावरण ऊर्जा और आजीविका का टिकाऊ प्रबंधन’ है।
इस कांग्रेस में प्राकृतिक संसाधनों,पर्यावरण, ऊर्जा और आजीविका सुरक्षा के टिकाऊ प्रबंधन से जुड़े वैश्विक मुद्दे पर अधिक बल दिया जायेगा तथा कृषि संबंधी समस्याओं को सम्पूर्ण हल करने के लिए उभरती हुयी चुनौतियों से निपटने के लिए अनुसंधान की भावी कार्यनीति तैयार की जाएगी।
डॉ सिंह ने कहा कि खाद्य सुरक्षा की चुनौती का मुकाबला करने के लिए पहले से रणनीति तैयार करने और दुनियाभर में जलवायु परिर्वतन के मद्देनजर की जा रही तैयारियों को समझने की जरूरत है। कृषि से अधिक से अधिक युवाओं को जोडऩे तथा किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा।