नई दिल्ली। भारतीय विमान सेवा कंपनियाँ अब विदेशों पंजीकृत विमान भी पट्टे पर लेकर इन्हें परिचालन में लगा सकेंगी।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आज इसके लिए सिविल एविएशन रिक्वायमेंट््स में बदलाव का प्रस्ताव किया है। प्रारूप दस्तावेज के अनुसार विदेशों में पंजीकरण वाले विमान पट्टे पर लेकर कंपनियाँ अपनी तात्कालिक जरूरत आसानी से पूरी कर सकेंगी।
ऐसे विमानों के परिचालन के लिए भारतीय पायलटों तथा केबिन क्रू को भी अनुमति देने का प्रावधान किया गया है। प्रारूप पर 23 नवंबर पर सुझाव एवं टिप्पणियाँ आमंत्रित की गई हैं तथा नए नियम दिसंबर के दूसरे सप्ताह से लागू करने की योजना है।
शर्त बस इतनी है कि विमान अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के किसी एक सदस्य देश में पंजीकृत होना चाहिए ताकि संगठन के नियम उस पर लागू होते हों तथा भारतीय गुणवत्ता मानकों पर वह खरा हो। इससे एक तरफ विमान सेवा कंपनियों के लिए पट्टे पर विमान लेना आसान हो जाएगा तो दूसरे तरफ विमान देने वाली कंपनियों के लिए एयरलाइंस के आर्थिक मुसीबत में फँसने पर विमान वापस ले जाना आसान हो जाएगा क्योंकि भारत में उसका पंजीकरण रद्द कराने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि इस फैसले से देश में नागरिक उड्डयन के और तेजी से विकास में मदद मिलेगी; खासकर 2500 रुपए एक घंटे की हवाई यात्रा वाली क्षेत्रीय संपर्क योजना‘उड़ान’को। इससे एयरलाइंसों को मौसमी या अचानक बढ़ी जरूरतों के अनुसार विमानों की संख्या घटाने बढ़ाने में भी आसानी होगी तथा विमान पट्टा तंत्र उपभोक्ता अनुकूल बनेगा।
नए नियमों में विमानों के एयरवर्दीनेस, प्रशिक्षण तथा सुरक्षा मानकों पर भी जोर दिया गया है। पट्टे पर विमान लेने से पहले एयरलाइंस जिस देश का है तथा जिस देश में विमान पंजीकृत है उनके बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होना जरूरी है जिसमें जिम्मेदारियाँ स्पष्ट रूप से तय होंगी।