मेलबर्न। भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया को आमों का निर्यात कर सकता है यदि वह ऑस्ट्रेलिया के जैवसुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं तो। इस निर्यात की संभावना दोनों देशों के बीच प्रोटोकॉल को संशोधित किए जाने के बाद बनी है ताकि भारतीय आमों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में अपने इस्तकबाल का मौका मिल सके। ऑस्ट्रेलियन मैंगो इंडस्ट्री एसोसिएशन के रॉबर्ट ग्रे ने कहा कि भारतीय आमों को ऑस्ट्रेलियाई आमों का मौसम निकल जाने के बाद बेचा जाएगा।
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन के अनुसार ग्रे ने कहा, वैश्विक व्यापार में हिस्सेदार के तौर पर यदि हम ऑस्ट्रेलियाई आमों के निर्यात के लिए विश्व के अन्य देशों में जाना चाहते हैं तो हमारा कदम यह है कि दूसरे देशों से आने वाले फल सुरक्षित हों और किसी भी तरह के कीटनाशक या बीमारी को लेकर यहां ना आ रहे हों, तभी हम दूसरे देशों को हमारे बाजारों में आने की अनुमति दे सकते हैं। पिछले सालों में मैक्सिको, फिलीपींस और पाकिस्तान ने अपने आम ऑस्ट्रेलिया भेजे हैं।
दिलीप बिल्डकॉन को मिली 125 करोड़ रुपए की टैक्सी ट्रैक परियोजना
बुनियादी निर्माण क्षेत्र की कंपनी बिल्डकॉन को गोवा हवाईअड्डे पर समानांतर टैक्सी ट्रैक बनाने के लिए 125 करोड़ रुपए की परियोजना मिली है। बंबई शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने भोपाल की दिलीप बिल्डकॉन को गोवा के डाबोलिम हवाईअड्डे पर एक समानांतर टैक्सी ट्रैक बनाने और इससे जुड़े हुए सिविल एवं इलैक्ट्रॉनिक काम करने का ठेका दिया जाने की घोषणा की है। दिलीप बिल्डकॉन ने इसके लिए सबसे कम बोली 125.01 करोड़ रुपए की लगाई थी और इस निर्माण को 24 महीने में पूरा किया जाना है।