नई दिल्ली। भारत व ब्रिटेन ने आज सहमति जताई कि अपराधियों व भगौड़ों को कानून से भागने की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे प्रत्यर्पण
से जुड़े बाकी आग्रहों को निपटाएंगे।
इससे उद्योगपति विजय माल्या के ब्रिटेन से जल्द प्रत्यर्पण की उम्मीद बंधी है ताकि उनके खिलाफ यहां मनी लांड्रिंग मामले में जांच की जा सके।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरें मोदी व ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के बीच यहां बैठक में प्रत्यर्पण से जुड़ा मुद्दा उठा और दोनों देशों के सम्बद्ध अधिकारियों से जल्द से जल्द बैठक करने को कहा गया।
सूत्रों ने कहा कि इन वार्ताओं के बीच भारत को ब्रिटेन से माल्या के जल्द प्रत्यर्पण की उम्मीद बंधी है। सूत्रों ने कहा कि मोदी व थेरेसा के बीच बैठक से पहले दोनों पक्षों की बैठक में माल्या के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठा था।
क्या वार्ताओं में माल्या का मुद्दा उठा यह पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव यूरोप रणधीर जायसवाल ने भारत ब्रिटेन संयुक्त बयान का हवाला दिया जिसके अनुसार दोनों नेताओं ने साझा विधि मदद संधि के तहत सहयोग की प्रतिबद्धा जताई।
उल्लेखनीय है कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी भी भारतीय कानूनों से बचकर ब्रिटेन में हैं। भारत ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों की आज की बैठक के बाद उनके शीघ्र प्रत्यर्पण की उम्मीद भी बन सकती है। माल्या व मोदी, दोनों ने ही ब्रिटेन को अपना घर बनाया हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय को मनी लांड्रिंग के अलग अलग मामलों में इनकी तलाश है।
बयान के अनुसार, ‘दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि भगौड़ों व अपराधिकों को कानून से बच निकलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने प्रत्यर्पण संबंधी बाकी आवेदनों पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।’