उंची वृद्धि हासिल कर सकता है भारत, रोजगार सृजन कार्यक्रम जारी : जेटली

Samachar Jagat | Monday, 27 Feb 2017 10:37:03 PM
India can achieve high growth, job creation program continues: Jaitley

लंदन। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि भारत में तेज गति से वृद्धि करने की क्षमता है और उसमें गरीबी कम करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिये कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने भारत के पूरी तरह से नकदीरहित अर्थव्यवस्था बनने को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया। 

जेटली ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘नोटबंदी की एक बड़ी वजह कर अनुपालन नहीं होना रहा है। बेनामी कारोबार को कम अथवा समाप्त करने की दिशा में नोटबंदी की गई। मुझे नहीं लगता है कि भारत तुरंत एक नकदीरहित प्रणाली बनने जा रहा है। मैं यह देख रहा हूं कि भारत कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बन रहा है।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी प्रणाली से नकदी का सृजन और मुश्किल होगा और साथ ही कर प्रणाली अधिक सक्षम होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी प्रणाली को एक जुलाई से लागू कर लिया जायेगा। केन्द्र सरकार के डिजिटलीकरण और नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ बढऩे के प्रयासों पर उन्होंने कहा, ‘‘प्रमुख व्यावसाय, भू-संपत्ति लेनदेन, वेतन भुगतान और स्कूल फीस नकदी-रहित प्रणाली के जरिये किया जायेगा। लेकिन यह पूरी तरह से नकदी रहित होगी? मुझे नहीं लगता कि यह तुरंत होने जा रहा है।’’

पिछली तिथि से कराधान के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस तरह का कोई कर नहीं लगाने का फैसला किया है। इस तरह के जो मौजूदा विवाद हैं उन्हें द्विपक्षीय स्तर पर या फिर न्यायिक प्रणाली के जरिये सुलझाया जा रहा है। अरूण जेटली ने कहा, ‘‘भारत आज जिस गति से बढ़ रहा है, उससे भी अधिक तेजी से बढऩे की उसमें क्षमता है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम करने के लिये श्रंृखलाबद्ध कारवाई की जरूरत है। हमने ग्रामीण भारत के लिये कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है जिसमें रोजगार सृजन के उपाय भी किये गये हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। दुनिया एक तरफ जहां संरक्षणवादी रख अपना रही है वहीं भारत अधिक खुली अर्थव्यवस्था बन रहा है।’’ वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पहली जरूरत संवैधानिक संशोधन की थी। इस कानून को आम सहमति से पारित कर लिया गया और अब 15 सितंबर 2017 को परदा गिर जायेगा। हमने ज्यादातर अहम मुद्दों को सुलझा लिया है। विधेयक तैयार कर लिये गये हैं। दो सप्ताह पहले ही हमने पहले मसौदे को मंजूरी दी है। मार्च के पहले सप्ताह में विधेयक का दूसरा मसौदा आयेगा। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण नौ मार्च से शुरू हो रहा है।’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘शुरआती परेशानियों के बावजूद उम्मीद है एक जुलाई से जीएसटी को अमल में लाया जायेगा। समूची प्रक्रिया को 15 सितंबर तक पूरा कर लिया जाना है। देश की आजादी के बाद यह सबसे बड़ा कर सुधार होगा। एक बार इसके अमल में आने पर यह काफी बेहतर कर प्रणाली होगी। कर प्राप्ति बढ़ेगी और जीएसटी से नकदी सृजन भी कम होगा।’’ जेटली ने इस दौरान सरकार के अचानक उठाये गये नोटबंदी के कदम का बचाव किया। जेटली ने कहा, ‘‘कर अनुपालन नहीं होना इसकी बड़ी वजह रही। बेनामी के प्रचलन को समाप्त करना भी इसका बड़ा उद्देश्य रहा है। भारत में आज किसी भी तरह के सुधार कार्यों के लिये पहले से अधिक समर्थन है।’’

ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते पर वित्त मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन के वित्त मंत्री के साथ बातचीत में उन्होंने मुझे पूरी तरह आश्वस्त किया है कि बे्रक्जिट को लेकर संरक्षणवाद का भ्रम नहीं पाला जाना चाहिये। वीजा उदारीकरण के मामले में उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन सरकार की नीतियों पर निर्भर करता है। -(एजेंसी)



 
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