नई दिल्ली। सरकार नए आधार वर्ष 2011-12 के साथ दो वृहत आर्थिक संकेतक ... औद्योगिक उत्पादन सूचकांक और थोक मूल्य सूचकांक...अप्रैल अंत तक जारी कर सकती है।
इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वृद्धि के आंकड़ों के साथ दोनों सूचकांक मेल खाएं। आईआईपी और डब्ल्यूपीआई के लिये आधार वर्ष फिलहाल 2004-05 है।
नए आधार वर्ष से आर्थिक गतिविधियों के स्तर को अधिक कुशल तरीके से मापा जा सकेगा और राष्ट्रीय लेखा जैसे अन्य आंकड़ों का बेहतर तरीके से आकलन किया जा सकेगा।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय सीएसओ पहले ही सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी और सकल मूल्य वद्र्धन जीवीए जैसे राष्ट्रीय खातों के लिये आधार वर्ष बदल चुका है।
सीएसओ के महानिदेशक जी मन्ना ने कहा कि सरकार अप्रैल के अंत तक नए आधार वर्ष के साथ आंकड़े जारी करने की दिशा में कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा, अप्रैल के अंत में फरवरी का आंकड़ा होगा क्योंकि डेढ़ महीने का अंतर होता है...$फरवरी तक का आंकड़ा अप्रैल के अंत में आएगा। उसके बाद हम मई से हर महीने के 12वें दिन इसे जारी करेंगे। नए आधार पर वर्ष पर पहला आंकड़ा अप्रैल अंत में आएगा....इस लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।
अर्थशास्त्री तथा शोध संस्था आईआईपी और डब्ल्यूपीआई के नई टाइम सिरीज जारी करने पर जोर दे रही हंै ताकि जीडीपी आंकड़ा अधिक सही एवं वास्तविक आंकड़े पर आधारित हो।