नई दिल्ली। घरेलू हवाई यात्रियों ने फरवरी में सबसे ज्यादा शिकायत इसी साल शुरू हुई विमान सेवा कंपनी जूम एयर तथा सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया के खिलाफ की है। जूम एयर के खिलाफ प्रति एक लाख यात्री सर्वाधिक 175 शिकायतें दर्ज की गई हैं। बड़ी कंपनियों में एयर इंडिया के खिलाफ सबसे ज्यादा प्रति एक लाख यात्री 26 शिकायतें आईं।
शिकायतों की शुद्ध संख्या के हिसाब से कुल 306 शिकायतों के साथ एयर इंडिया शीर्ष पर है। इसके बाद जेट एयरवेज और जेटलाइट के खिलाफ प्रति एक लाख यात्री 13 की औसत से 207 शिकायतें आईं।
इंडिगो के खिलाफ प्रति लाख तीन की औसत से 110 और गो एयर के खिलाफ प्रति लाख 12 की औसत से 88 शिकायतें मिलीं। बड़ी कंपनियों में औसत तथा संख्या दोनों के हिसाब से सबसे कम शिकायत विस्तारा के खिलाफ मिली है। उसका औसत प्रति लाख यात्री एक शिकायत का रहा तथा कुल दो शिकायतें आईं।
आलोच्य महीने में प्राप्त कुल 810 शिकायतों में से 31.9 प्रतिशत फ्लाइट की समस्याओं को लेकर, 26.5 प्रतिशत बैगेज से संबंधित तथा 19.1 प्रतिशत ग्राहक सेवा को लेकर थीं। इसके बाद सबसे ज्यादा 7.8 प्रतिशत शिकायत कर्मचारियों के व्यवहार, 4.8 प्रतिशत रिफंड तथा 2.2 प्रतिशत किराए को लेकर रहीं।
उड़ान रद्द करने के औसत के मामले में भी जूम एयर पहले स्थान पर रही। फरवरी में उसकी 14.29 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। एयर कोस्टा की 5.58 प्रतिशत, ट्रूजेट की 3.71 प्रतिशत तथा जेटलाइट की 0.87 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। बड़ी विमान सेवा कंपनियों में सबसे ज्यादा 0.49 प्रतिशत उड़ानें गो एयर की, 0.45 प्रतिशत एयर इंडिया की और स्पाइसजेट की 0.39 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं।
उड़ानें रद्द होने की सबसे बड़ी वजह तकनीकी कारण रहे। इस कारण से 36.7 प्रतिशत उड़ानें रद्द की गईं। खराब मौसम के कारण 36.3 प्रतिशत तथा ‘विविध’ कारणों से 25.3 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। वाणिज्यिक कारणों से विमान सेवा कंपनियों ने 1.6 प्रतिशत उड़ानें रद्द कीं।