नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुराने सामानों की खरीद बिक्री में आन लाइन मदद करने वाली ई-कामर्स इकाई ओएलएक्स की सेवाओं को नीचा दिखाने वाले विज्ञापन के मामले में ऑटोमोटिस ई-कॉमर्स साइट कार्स24 को बतौर मुआवजा दो लाख रुपए का देने का निर्देश दिया है।
न्यायाधीश राजीव सहाय एंडला ने कार्स 24 सर्विसेज लिमिटेड के उस विज्ञापन के प्रसारण पर स्थाई रोक लगाए जाने का अनुरोध मान लिया।
अदालत ने नुकसान भरपाई को लेकर दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति स्वीकार कर ली। न्यायालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों के बीच हुआ समझौता कानून सम्मत है अतएव उसकी इजाजत दी जाती है।’’
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ओएलएक्स को दो लाख रुपए नहीं दिए जाते हैं तो वह कार्स24 के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
ओएलएक्स ने अदालत में कहा था कि पिछले साल दिंसबर में उसे पता चला कि इस ऑटोमोटिस ई-कॉमर्स साइट ने अपनी सेवाओं के प्रचार के लिए जानबूझकर उसकी सेवाओं को नीचा दिखाते हुए ऑनलाइन विज्ञापन अभियान शुरू किया था।