नई दिल्ली। एक पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त ने निजी कंपनी को कोयला ब्लाक आवंटित करने की सिफारिश में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता की भूमिका होने का आज संदेह जताया। पहले ही आठ कोयला घोटाला मामलों में अभियोजन का सामना कर रहे गुप्ता के लिए यह नयी परेशानी साबित हो सकती है।
पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त सीवीसी प्रदीप कुमार ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर की अदालत में दावा किया कि वे 22 सितंबर 2006 को जांच समिति की उस बैठक में शामिल हुए थे जिसकी अध्यक्षता गुप्ता ने की थी। इस बैठक में पुष्प स्टील पीएसएमपीएल को कोयला ब्लाक आवंटित करने पर कोई फैसला नहीं हुआ था।
लेकिन मामला दर्ज होने के बाद उन्हें पता चला कि उक्त बैठक में कंपनी को कोयला ब्लाक आवंटित करने की सिफारिश पर फैसला हुआ था। अभियोजन के गवाह के रूप में पेश हुए प्रदीप कुमार 2006 में कोयला मंत्रालय में विशेष सचिव थे हालांकि उनका कहना है कि उनका कोयला आवंटन प्रकोष्ठ से कोई लेना देना नहीं था।