जयपुर। सरकार ने जीएसटी के तहत कारोबारियों पर लागू होने वाले नियमों को सार्वजनिक कर दिया है। ये नियम आप सीबीईसी की वेबसाइट WWW.CBSE.GOV.IN पर जाकर देख सकते हैं और आप अपने सुझाव 10 अप्रैल तक ईमेल आईडी gst-cbse@gov.in पर भेज सकते हैं।
18-19 अप्रैल को श्रीनगर में जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक होगी, जिसमें नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा और ये भी तय होगा कि कौन सी चीज किस टैक्स स्लैब में रखी जाएगी। जीएसटी में 8 तरह के नियमों शामिल किए गए है। जिसमें रजिस्ट्रेशन, कंपोजिशन, रिफंड, रिटर्न, वैल्युएशन, ट्रांजिशन, इनवॉयस और इनपुट टैक्स क्रेडिट से संबंधित नियम है। जीएसटी के बुनियादी बिन्दू की बात की जाए तो जीएसटी के 4 स्लैब 5,12,18,28 के तहत बनाया गया है।
इतना ही नहीं जीएसटी के तहत कारोबारियों पर लागू होने वाले नियमों में सरकार को इन बातों पर भी सफाई देने की जरुरत है जैसे सेकेंड हैंड सामान का वैल्युएशन कैसे होगा, एक्सचेंज ऑफर में वेट कैसे लगेगा। वहीं 50 लाख तक के उत्पादक/ट्रेडर क्या टैक्स नियम से छूट पाएंगे, 30 जून तक के वैट पेड स्टॉक का क्या होगा।
कंपनी का सामान बाहर भेजने पर मार्केट रेट पर जीएसटी क्यों लगेगा। बता दें कि नए जीएसटी कानून के तहत एलान होने के 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा और कारोबार शुरू करने के 5 दिन पहले आवेदन होगा।
अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए पैन जरूरी होगा। जीएसटी के वैल्युएशन नियमों के तहत सामान या सर्विस के मार्केट वैल्यू पर टैक्स लगेगा वहीं एक्सचेंज या डिस्काउंट में एमआरपी पर टैक्स लागू होगा।
नए जीएसटी नियमों के तहत मौजूदा स्टॉक पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लागू होगा। पुराने स्टॉक पर पूरा टैक्स क्रेडिट नहीं लागू होगा। आवेदन के 60 दिन के भीतर जीएसटी का सिर्फ 40 फीसदी इनपुट टैक्स क्रेडिट होगा। कारोबारी को 60 दिन के भीतर स्टॉक डिटेल देना होगा। अगर पहले से टैक्स बकाया है तो इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं होगा।