नई दिल्ली। इंडियन बेवरेज एसोसिएशन ने एयरेटेड पेयों को जीएसटी की ‘अहितकर’ वस्तुओं की उच्चतम कर वाली श्रेणी में रखने पर निराशा जताई है।
संगठन का कहना है कि 10 रुपए में 200 मिली. मात्रा के हिसाब से बिकने वाला यह पेय न तो विलासिता की वस्तु है और न ही स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा है।
एसोसिएशन ने एक बयान में कहा है,‘ एयरेटेड पेय ‘लग्जरी’ उत्पाद नहीं हैं। बल्कि वे तो आम भारतीयों की औसत हाइड्रेशन जरूरतों को पूरा करते हैं।’ एयरेटेड पेय वे पेय होते हैं जो गैस से भरे होते हैं।
जीएसटी परिषद् ने विलासिता के सामानों और अहितकर वस्तुओं पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत रखने का निर्णय किया है।