नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी परिषद सहयोगी विधेयकों को मंजूरी दे सकती है। जीएसटी को लागू करने के लिए ये विधेयक जरूरी हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद में सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस बैठक में अहितकर उत्पादों मसलन लक्जरी कारों तथा तंबाकू पर उपकर की सीमा पर भी विचार होगा। इससे ऐसे कोष का गठन होगा जिसका इस्तेमाल जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद पहले पांच साल तक राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की जाएगी।
जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में केंद्रीय जीएसटी सीजीएसटी और एकीकृत जीएसटी आईजीएसटी के अंतिम मसौदे को मंजूरी दी गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कल की बैठक में परिषद राज्य जीएसटी तथा संघ शासित प्रदेश जीएसटी यूटी-जीएसटी कानून पर विचार किया जाएगा।
एक बार मंजूरी के बाद सहायक विधेयकों को जीएसटी मुआवजा कानून के साथ मंत्रिमंडल के पास औपचारिक मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इन्हें संसद के मौजूदा बजट सत्र में पेश किया जाएगा। बजट सत्र 12 अप्रैल तक चलेगा। सरकार उम्मीद कर रही है कि सहायक विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में पारित हो जाएंगे जिससे इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक जुलाई से लागू किया जा सकेगा। -(एजेंसी)