नई दिल्ली। मोदी सरकार का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है और इस दौरान आर्थिक मोर्च में सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रही है। क्योंकि यह अब एक जुलाई से लागू होने की स्थिति में है। उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि जीएसटी के साथ ही वित्तीय समावेशन और रेलवे जैसे क्षेत्र में सरकारी निवेश , बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार भी इस सरकार की उपलब्धियों में शामिल है। उसने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार ने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं।
उसने कहा है कि खुदरा और थोक महंगाई भी नियंत्रण में होना सकारात्मक संकेत हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में तेज गिरावट और पिछले वर्ष मानसून के लगभग सामान्य रहने से भी महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
संगठन ने कहा कि महंगाई रिजर्व बैंक के चार फीसदी के स्तर के आसपास बनी हुई है। केन्द्रीय बैंक ब्याज दरों में भी कमी लाने में सक्षम क्योंकि निजी क्षेत्र द्वारा ऋण उठाव अभी भी एक चुनौती है। उसने कहा कि दालें, प्याज और वस्तुओं की कीमतें बहुत बढ़ गयी थी लेकिन पिछले एक डेढ़ वर्ष में इनकी कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई है।
एसोचैम ने कहा कि अगले कुछ सप्ताह में जीएसटी लागू होने की स्थिति में है और देश में सरल कारोबारी माहौल बनाने तथा कर सुधार की दिशा में यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
इसके साथ ही आधार से जुड़े बैंक खातों में सरकारी लाभों के सीधे हस्तातंरण किये जाने से सब्सिडी रिसाव को रोकने में मदद मिली है और यह भी मोदी सरकार के लिए एक उपलब्धि है। कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के साथ ही पेट्रोल और डीजल की सब्सिडी को समाप्त किये जाने और रसोई गैस की कीमतों को बाजार आधारित बनाने से तेल विपणन कंपनियों के बैलेंस सीट में बहुत सुधार हुआ है।