नई दिल्ली। मोबाइल हैंडसेट निर्माताओं को कुछ राहत मिल सकती है क्योंकि सरकार स्थानीय विनिर्माण के लिए रियायती शुल्क दरों पर कलपुर्जों के आयात के बैंक गारंटी नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है।
सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बारे में एक बैठक पिछले सप्ताह बुलाई जिसमें उद्योग जगत के प्रतिनिधि व विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हुए। इसमें देश में मोबाइल निर्माण में सामने आ रही दिक्कतों पर चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने बैंक गारंटी के रूप में बड़ी राशि ‘रक’ जाने का मुद्दा उठाया।
बैठक में शामिल सूत्रों के अनुसार,‘ प्रधानमंत्री कार्यालय ने आश्वस्त किया कि आईजीसीआर पर मोबाइल विनिर्माताओं की चिंताओं को दर्ज कर लिया गया है और इसे आगे बढाया जाएगा ताकि कम से कम उन कंपनियों के लिए बैंक गारंटी की औपचारिकता समाप्त की जा सके जिनका रिकॉर्ड अच्छा है।’
मोबाइल विनिर्माता कंपनियों ने लगभग 29000 करोड़ रुपए की राशि बैंक गारंटी के रूप में दी है।
इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने संपर्क करने पर इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय के सहयोग की सराहना की।