नई दिल्ली। गैस सब्सिडी के बाद अब सरकार की नजर रेल टिकट की सब्सिडी पर है। अब सरकार स्वेच्छा से रेल सब्सिडी छोडऩे की अपील कर रही है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लोगों से सब्सिडी छोडऩे का प्रस्ताव दिया है। भारतीय रेलवे का मुनाफा बढ़ाने के उद्देश्य से सुरेश प्रभु ने यह प्रस्ताव दिया है। उदाहरण के तौर पर कुछ ट्रेनों के लिए स्पेशल वीकेंड फेयर और आखिरी समय में खाली बर्थ पर मिलने वाला डिस्काउंट आदि को स्वेच्छा से छोडऩे का प्रस्ताव रेल मंत्री ने रखा है।
रेलवे पहले ही कई बार बता चुका है कि भाड़े से हो रही कमाई से वह करीब 30000 करोड़ की सब्सिडी देता है जिससे यात्रियों को सस्ती टिकट मुहैया कराई जाती है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, इस संबंध में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रलवे बोर्ड को 24 नबंवर को एक सूचना जारी की थी।
मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना को कुछ ही महीनों या कुछ ही दिनों में जारी कर दिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये बात भी सामने आई है कि लोग इस छूट को छोडऩे के लिए जल्दी राजी नहीं होंगे। ये काम काफी मुश्किल है।
रेलवे लोगों को ये बताने का प्रयास भी करेगा कि वो कितनी सब्सिडी दे रहा है। कुछ समय के लिए अब हर टिकट पर लिखा होगा कि भारतीय रेलवे आपसे कुल लागत का औसतन 57 फीसद किराया वसूल रहा है। ऐसा करने से लोगों को पता लगेगा कि प्रत्येक टिकट पर 43 फीसद सब्सिडी दी जा रही है। लोकल ट्रेन में तो मुसाफिर से 36 फीसद ही किराया लिया जाता है बाकी 67 फीसद रेलवे खुद खर्च करती है।