नई दिल्ली । उद्योग संगठन एसोचैम ने ब्रेग्जिट के बाद के ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार संधि की वकालत करते हुए कहा है कि भारत की यात्रा पर आ रही प्रधानमंत्री थेरेसा मे के एजेंडे में यह सबसे ऊपर होना चाहिए। एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने आज यहां जारी बयान में कहा कि भारत तथा ब्रिटेन का वस्तुओं एवं सेवाओं का आपसी व्यापार 18 अरब पाउंड से ज्यादा का है।
ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने (ब्रेग्जिट) पर वैधानिक एवं बातचीत की प्रक्रिया के बीच उसे भारत के साथ अपने आर्थिक संबंधों को नया आयाम देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) पर हस्ताक्षर उनके एजेंडे में शीर्ष पर होना चाहिए। यह दोनों देशों के हित में होगा। इससे उन्हें आर्थिक सुस्ती से निपटने में मदद मिलेगी।
कनोरिया ने कहा ब्रेग्जिट के प्रभाव को लेकर वैश्विक उद्योग एवं व्यापार जगत कुछ हद तक भचतित है। हमारे पास स्वयं ब्रितानी प्रधानमंत्री की जुबानी यह जानने का मौका है कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने के बाद के परिश्य में भारत के साथ व्यापार एवं निवेश को नया स्वरूप देने के लिए उनके पास क्या योजना है। उन्होंने कहा कि हमें आगे बढऩा चाहिए और दुनिया के सामने यह साबित कर देना चाहिए कि खुले व्यापार एवं निवेश से ही वैश्विक विकास संभव है, न/न कि व्यापार के लिए दरवाजे बंद करके। एसोचैम अध्यक्ष ने कहा कि भारत तथा ब्रिटेन दोनों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी तथा वित्त, बीमा जैसे सेवा क्षेत्र उनका मजबूत पक्ष है।
भविष्य में होने वाले व्यापार समझौतों में इन्हें समुचित जगह मिलनी चाहिए। भारत की 800 से ज्यादा कंपनियों के ब्रिटेन के साथ कारोबारी संबंध हैं या वहां परिचालन कर रही हैं। ऐसे में यूरोपीय संघ के सदस्य से एकल राष्ट्र वाली अर्थव्यवस्था के रूप में ब्रिटेन का सफल संक्रमण भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है।