नई दिल्ली। लोकसभा ने वस्तु एवं सेवा कर से जुड़े चार विधेयकों को आज मंजूरी दे दी। इससे इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के एक जुलाई 2017 से लागू होने की उम्मीद बढ़ गई है। सरकार ने संसद को आश्वस्त किया कि नई कर प्रणाली में उपभोक्ताओं और राज्यों के हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के साथ ही कृषि पर कर नहीं लगाया गया है।
जीएसटी विधेयकों पर लोकसभा में बुधवार को करीब सात घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दो अहम घोषणाएं कीं। पहली तो यह कि रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला एक साल के भीतर कर लिया जाएगा। दूसरा, पेट्रोलियम उत्पादों पर यह कर कब से लागू हो, इसका फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी।
ऐसा होने पर देशभर में रियल एस्टेट व डीजल-पेट्रोल पर लगने वाले करों में भी काफी एकरूपता आ जाएगी। जीएसटी के लागू होने पर केंद्र के आठ तथा राज्यों के नौ अप्रत्यक्ष कर व सेस समाप्त हो जाएंगे। शराब को छोड़ बाकी सभी वस्तुएं और सेवाएं जीएसटी के दायरे में आएंगी। जीएसटी लागू होने पर सामान्य श्रेणी के राज्यों में 20 लाख और विशेष श्रेणी के राज्यों में 10 लाख से अधिक के सालाना कारोबार वाले व्यापारियों को ही पंजीकरण कराना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े अनुपूरक विधेयकों के लोकसभा में पारित होने पर खुशी जताई। मोदी ने विधेयकों के पारित होने के तुरंत बाद ट्वीटर पर लिखा, ‘जीएसटी विधेयक पारित होने पर सभी देशवासियों को बधाई। नया साल, नया विधेयक, नया भारत।’