नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को छोटे तेल एवं गैस क्षेत्रों के लिए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करके औपचारिक रूप से उनका आवंटन कर दिया। ये आवंटन गत वर्ष हुई पहली ऑनलाइन बोली प्रक्रिया के आधार पर किए गए हैं। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद प्रधान की अध्यक्षता में सोमवार को एक कार्यक्रम में 31 अनुबंध क्षेत्रों के लिए आवंटन किए गए।
प्रधान ने बताया कि जल्द ही दूसरे चरण के आवंटन के लिए भी बोली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सोमवार को जारी क्षेत्रों से कुल 46,400 करोड़ का राजस्व पैदा होने की उम्मीद है जिसमें लगभग 9,300 करोड़ रुपए सरकार को मिलेंगे। प्रधान ने इस मौके पर अन्वेषित छोटे क्षेत्रों (डीएसएफ) के लिए एक वेबपोर्टल की शुरुआत भी की जिसका उद्देश्य कारोबार को आसान बनाना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीएसएफ के आवंटन के पीछे सरकार का उद्देश्य वर्ष 2022 तक देश का पेट्रोलियम आयात 10 प्रतिशत कम करना है। उन्होंने कहा कि 31 आवंटित अनुबंध क्षेत्रों से प्रतिदिन तकरीबन 15,000 बैरल कच्चा तेल और दो एमएमएससीएमडी गैस के उत्पादन की उम्मीद है। इससे 46,400 करोड़ रुपए का राजस्व पैदा होने की उम्मीद है।
जिसमें सरकार को पांच हजार करोड़ रुपए की रॉयल्टी और 9,300 करोड़ रुपए की राजस्व हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है। साथ ही 37,500 लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। सोमवार को आवंटित 31 अनुबंध क्षेत्रों में 23 जमीनी इलाकों में और आठ समुद्र में हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों सहित 22 कंपनियों का आवंटन किया गया है। इसमें एक विदेशी कंपनी भी शामिल है।