नई दिल्ली। टाटा समूह में जारी टाटा-मिस्त्री विवाद से उसके बाजार मूल्यांकन पर पड़ते फर्क से चिंतित विदेशी निवेशकों ने बाजार नियामक सेबी से संपर्क किया है। साथ ही समूह से जुड़े प्रबंधक और स्वतंत्र निदेशक भी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हितों को सुरक्षित रखा जा सके।
समूह की करीब दो दर्जन कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। इनमें विदेशी निवेशकों की अच्छी खासी हिस्सेदारी है। समूह की धारक कंपनी टाटा संस के चेयरमैनपद से साइरस मिस्त्री को 24 अक्टूबर को हटाए जाने के बाद कंपनी के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई है। इसके बाद समूह के अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किए गए रतन टाटा और मिस्त्री के बीच लगातार विवाद जारी है।
सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एफपीआई और अन्य विदेशी निकाय बाजार नियामक सेबी से संपर्क कर रहे हैं। इसके पीछे अहम वजह कंपनी के अल्पसंख्यक निवेशकों के हित की रक्षा करना है साथ ही विदेशी निवेशकों को उम्मीद है कि इस विवाद का जल्द से जल्द समाधान हो जाएगा।