नई दिल्ली। वित्त विधेयक 2017 के लोकसभा में पारित होने के साथ ही आयकर में किए गए कई महत्वपूर्ण बदलाव के साथ ही इस विधेयक के प्रावधान एक अप्रैल से प्रभावी हो जाएंगे और पांच लाख रुपए तक की सालाना आय वालों को 12500 रुपए की बचत होगी। बीतेे सप्ताह लोकसभा ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है और अगले सप्ताह राज्यसभा में इसे चर्चा के लिए रखा जाएगा।
वित्त विधेयक 2017 के जरिए आयकर में जो महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं उसके अनुसार अभी 2.5 लाख रुपए से अधिक की आय पर 10 फीसदी कर देना पड़ता लेकिन एक अप्रैल से यह पांच फीसदी हो जाएगा और इस तरह करदाताओं को 12500 रुपए की बचत होगी। प्रावधानों के अनुसार रिटर्न भरने में देरी करने पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
जो निवेशक 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न 31 दिसंबर 2018 तक भरेंगे उन्हें पांच हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। इसके बाद रिटर्न भरने पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगेगा लेकिन पांच लाख रुपए की सालाना आय वाले करदाताओं के लिए एक हजार रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
इस बदलाव के बाद पांच लाख रूपए तक की सलाना आय वालों को रिटर्न भरना सरल हो जाएगा। इसके लिए एक पृष्ठ का रिटर्न फॉर्म लाया जाएगा और इस श्रेणी में जो पहली बार रिटर्न भरेंगे उनकी कोई जांच नहीं की जाएगी। वित्त विधेयक में किए गए प्रावधानों के तहत अब संपत्ति में दीर्घकालिक निवेश की अवधि को तीन से कम कर दो वर्ष कर दिया गया है अर्थात अब दो वर्ष के बाद उस संपत्ति को बेचा जा सकता है।
इस अवधि के बाद संपत्ति बेचने पर मंहगाई से समायोजित फायदे पर 20 फीसदी कर देना होगा। पुराने प्रावधान के अनुसार तीन वर्ष से पहले संपत्ति बेचने पर पूंजीगत लाभकर देना पड़ता था। संपत्ति की बिक्री से हुए लाभ अर्थात पूंजीगत लाभ को भुनाने योग्य बांड में निवेश किया जाएगा। तो उस पर पूंजीगत लाभ कर नहीं देना पड़ेगा। यह ऐसा बांड है जिसे परिपक्वता से पहले ही निवेशक भुना सकते हैं।