नई दिल्ली। पेट्रोलियम, कपड़ा, इंजीनियरिंग वस्तु तथा रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात मार्च महीने में 27.6 प्रतिशत उछलकर 29.23 अरब डॉलर रहा। हालांकि पूरे वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान निर्यात में केवल 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
पिछले वित्त वर्ष में कुल निर्यात 274.64 अरब डॉलर रहा। स्वर्ण आयात में तीव्र वृद्धि से व्यापार घाटा मार्च महीने में बढक़र चार महीने के उच्च स्तर 10.43 अरब डॉलर हो गया।
कुल आयात जहां मार्च 2017 में 45.25 प्रतिशत बढक़र 39.7 अरब डॉलर रहा वहीं स्वर्ण आयात उछलकर 4.17 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो मार्च 2016 में 97.345 करोड़ डॉलर रहा था।
वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘फरवरी में निर्यात में दहाई अंक में वृद्धि के बाद मार्च महीने में भी निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’’
आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए फियो ने कहा कि कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था के लिए निर्यात का आंकड़ा उत्साहजनक है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस फियो के अध्यक्ष गणेश गुप्त ने कहा, ‘‘हमने ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में निर्यात में अच्छी वृद्धि हासिल की है जब वैश्विक व्यापार में गिरावट के कारण दुनिया भर में मुा की विनिमय दरें प्रभावित हुई।’’
इससे पहले, सितंबर 2011 में निर्यात में 36.3 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी। फरवरी में भी निर्यात में दहाई अंक में वृद्धि हुई थी।
वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान निर्यात में तेजी की प्रवृत्ति रही। इससे पहले, लगातार दो वित्त वर्ष में इसमें गिरावट दर्ज की गई थी।
नर्यात में वृद्धि का प्रमुख का कारण इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम, कपड़ा, रसायन, फार्मा, रत्न एवं आभूषण, लौह अयस्क तथा समुीय उत्पाद समेत विभिन्न क्षेत्रों का अच्छा प्रदर्शन है।
पूरे वित्त वर्ष 2016-17 में आयात 0.17 प्रतिशत घटकर 380.3 अरब डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटा कम होकर 105.7 अरब डॉलर रहा जो 2015-16 में 118.7 अरब डॉलर था।
तेल आयात मार्च महीने में 101.43 प्रतिशत बढक़र 9.71 अरब डॉलर रहा। गैर-तेल आयात भी 33.21 प्रतिशत बढक़र 30 अरब डॉलर रहा।
कुल मिलाकर पिछले वित्त वर्ष में तेल आयात 86.45 अरब डॉलर का रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2015-16 के मुकाबले करीब 4.24 प्रतिशत अधिक है।
हालांकि गैर-खाद्य तेल का आयात आलोच्य वित्त वर्ष में 1.39 प्रतिशत घटकर 294 अरब डॉलर रहा।