रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्यों में तेजी लाने पर जोर

Samachar Jagat | Monday, 03 Apr 2017 03:25:53 PM
Emphasis on accelerating redevelopment of railway stations

नई दिल्ली। संसदीय समिति ने इस बात पर चिंता जताई है कि स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत रेलवे स्टेशनों के आसपास किसी भी जमीन के टुकड़े अथवा खुले स्थान को अब तक वाणिज्यिक तौर पर विकसित नहीं किया गया है। रेलवे कन्वेंशन कमेटी आरसीसी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में रेलवे से कहा है कि वह इस मुद्दे पर जल्द गौर करे ताकि हर बार रेल बजट में इस संबंध में जो घोषणा की जाती है उसे हासिल किया जा सके। 

रेलवे की पुनर्विकास योजना में इस पर जोर दिया गया है कि रेलवे स्टेशनों को नए सिरे से विकसित करने की पूरी लागत स्टेशनों के आसपास की जमीन और खुली जगह को वाणिज्यिक विकास के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।  

बीजू जनता दल के सांसद भृतहरि माहताब की अध्यक्षता वाली रेलवे कन्वेंशन कमेटी के अनुसार वर्ष 2015 से 2019 के बीच रेलवे को विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 8.56 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। इसमें से करीब 1.20 लाख करोड़ रपये की राशि सार्वजनिक निजी भागीदारी सहित बजट से बाहर अतिरिक्त स्रोतों से जुटाई जाएगी।

इस 18 सदस्यीय समिति ने रेलवे से कहा है कि बंदरगाह संपर्क वाली तीन संयुक्त उद्यम परियोजनाओं को वह जल्द पूरा करे। 
समिति ने संसद को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे को ओबुलावरीपल्ले- वेंकटाचलम नई लाइन, अंगुल- सुकिंडा नई लाइन और हरिदासपुर- पाराद्वीप नई लाइन के काम में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि रेलवे के क्षमता विस्तार में तय कार्यक्रम के मुताबिक तेजी लाई जा सके। 

समिति ने रेलवे से कंटेनर गाड़ी को चलाने के वास्ते और अधिक निजी परिचालकों को अपने साथ जोडऩे के लिए कहा है। ऐसा करने से रेलवे की माल ढुलाई क्षमता और बढ़ेगी तथा राजस्व में भी वृद्धि होगी। 



 

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