नई दिल्ली। सीबीआई ने नोटबंदी के बाद अप्रचलित नोट जमा करने की अनुमति देने के आरोप में दो बैंक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सीबीआई ने नोटबंदी के बाद 28 करोड़ रुपए से अधिक के अप्रचलित नोटों को जमा करने की कथित अनुमति देने के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एक अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई के प्रवक्ता आर के गौर ने आज यह जानकारी दी।
आरोप है कि 8 नवंबर 2016 के बाद गुजरात के अहमदाबाद जिले में अंबावाडी शाखा में नए बेनामी खातों में 28.87 करोड रुपए जमा किए गए। इन जमाओं में नियमों का उल्लंघन किया गया।
सीबीआई का आरोप है कि यह धन पहले इन बेनामी खातों में आया और वहां से आरटीजीएस के जरिए अन्य खातों में भेजा गया। शाखा प्रबंधक भरत पोपट को अन्य के साथ आरोपी बनाया गया है।
एजेंसी ने कहा है कि उसने इस संबंध में अहमदाबाद में कई जगह तलाशी ली। इनमें एक अन्य बैंक अधिकारी के कार्यालय व आवासीय परिसर शामिल हैं।
एजेंसी ने आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का ऐसा ही एक मामला यूको बैंक की सेंटर जेवियर शाखा (अहमदाबाद) के तत्कालीन प्रबंधक व सह शाखा प्रमुख के खिलाफ दर्ज किया है।
इसमें आरोप है कि शाखा प्रबंधक ने एक निजी फर्म व मुखौटा कंपनी तथा अज्ञात लोगों के साथ मिलकर एक मुखौटा कंपनी के खाते में लगभग 1.40 लाख रुपए के अप्रचलित नोट जमा करवाए।