नई दिल्ली। एक दिन के अवकाश के बाद आज खुले बैंकों में नकदी की कमी बनी हुई है। इसके कारण कई शाखाओं को ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए निकासी पर नियंत्रण लगाना पड़ा। वहीं एटीएम में नकदी नदारद रही।
ग्राहक मासिक बिलों के भुगतान तथा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने वेतन का पैसा निकालने को लेकर कई शाखाओं के बाहर तडक़े ही कतार में लगने शुरू हो गए। लेकिन कई शाखाएं नकदी की कमी का हवाला देते हुए उनकी मांग की तुलना में कुछ ही राशि दे पाई।
देश में कुल 2.2 लाख एटीएम में से 90 प्रतिशत को नए नोटों के हिसाब से दुरूस्त किए जाने के बावजूद नकद निकासी मशीने नोटबंदी के एक महीने बाद भी नकदी न होने की समस्या से जुझ रही हैं।
बैंक अधिकारियों के अनुसार वेतन के लिए भीड़ अगले सात से दस दिनों तक बनी रहेगी।
एसबीआई के प्रबंध पिदेशक रजनीश कुमार ने कहा कि वेतन तथा पेंशन को लेकर भीड़ अगले पांच-सात दिन तक बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए शाखा नकदी कम मात्रा में दे रही हैं।
बैंक अधिकारियों के अनुसार कुछ बैंक केवल 2,000 रुपए प्रति व्यक्ति दे रहे हैं जबकि जिनके पास नकद की अच्छी उपलब्धता है वे 10,000 रुपए से 12,000 रुपए प्रति ग्राहक दे रहे हैं जबकि सीमा 24,000 रुपए सप्ताह है।
इस बीच बैंक यूनियनों ने मांग की है कि रिजर्व बैंक को सभी बैंकों को पर्याप्त नकदी की आपूर्ति के लिए कदम उठाना चाहिए तथा शीर्ष बैंक को दैनिक आधार बैंकों को होने वाली नोटों की आपूर्ति के बारे में सार्वजनिक रूप से घोषणा करनी चाहिए।
यूनियनों का यह भी कहना है कि सभी एटीएम को तत्काल चालू किया जाना चाहिए और लोगों के दबाव को देखते हुए कर्मचारियों तथा अधिकारियों को सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।