लंदन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टेरीजा मे के बीच होने बातचीत के एजेंडा में रक्षा एवं व्यापार शीर्ष पर रहेंगे तथा डाउनिंग स्ट्रीट के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार व्यापक संबंधों पर चर्चा की जाएगी।
प्रधामंत्री मे की आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेता सोमवार दोपहर को हैदराबाद में होने वाले उनके दोपहर भोज में भारत ब्रिटेन के व्यापक संबंधों पर विचार विमर्श करेंगे। मे आज सुबह यहां से भारत के लिए रवाना हुईं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिल कर कल वहां भारत-ब्रिटेन प्रोद्योगिकी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी और उसके बाद दोनों प्रधानमंत्री द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और एक साझा बयान जारी करेंगे।
महिला प्रवक्ता ने मे की इस यात्रा के बारे में कहा, ‘‘यह इस बारे में नहीं होगी कि इसमें कितने समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, यह उस तरह के कारोबार वाली यात्रा नहीं है बकिल् यह संबंधों गहराई देने तथा दोनोंदेशों में अधिक रोजगार एवं विकास के लिए है। द्विपक्षीय विचार विमर्श में रक्षा एक महत्वपूर्ण अंग रहेगी। हम इस भागीदारी को विकसित करने के लिए उत्सुक हैं तथा इस बात को चाहते हैं कि इसमें कैसे अधिक उर्जा और उत्साह लाया जा सके।’’
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री यूरोप से बाहर अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा में भारत क्यों जा रही हैं। क्योंकि भारत हमारे लिए मायने रखता है- अब पहले से कही अधिक..। ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय संघ को छोडऩे के लिए परिप्रेक्ष्य में दो स्तरीय लक्ष्य है..व्यापार की बाधाओं को कम करने के लिए पहले से किए जा चुके जमीनी कार्य को आगे बढ़ाना तथा यूरोपीय संघ के बाहर ब्रिटेन के सम्बंधों को और विस्तृत करना।’’
भारत ब्रिटेन के बीच संभावित मुक्त व्यापार समझौते के बारे में बातचीत के सन्दर्भ में प्रवक्ता ने इस बात पर बल दिया कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ का सदस्य रहते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार के लिए विचार विमर्श नहीं कर सकता है। ‘हम ईयू में अपने अधिकारों और जिम्मीदारी का खयाल रखते हुए भारत-ईयू एफटीए के लिए अपना समर्थन बनाए रखेंगे।’
इस यात्रा में मे गांधी समाधि राजघाट और इंडिया गेट का भी भ्रमण कर सकती है। मंगलवार को वह बेंगलूरू जाएंगी और व्यवसाय जगत के कई कार्यक्रमों में भाग लेंगी। उनके साथ लघु और झोले उपक्रमों प्रतिनिधियों का एक 40 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल भी होगा।
इस यात्रा में ब्रिटेन की वीजा नीति में हाल में बदलाव पर भारत की ओर से उठाए जाने की विशेष संभावना है क्यों कि टीयर-2 कंपनी के अंदर स्थानांतरण पर जाने वाले लोगों के लिए आईसीटी वीजा के नए नियमों से भारत की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों पर असर पड़ेगा। पर ब्रिटेन सरकार का कहना है कि उसका देश भारत से सर्वोत्तम प्रतिभाओं के लिए खुला है और यहां भारतीयों को जितने नौकरी वीजा जिए गए है वह अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया से उन्हें मिले रोजगार वीजा की कुल सम्मिलित संख्या से भी अधिक हैं।