नई दिल्ली। देश में नोटबंदी के बाद नगदी रहित लेनदेन को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के बीच वैज्ञानिकों की चेतावनी आई है कि क्रेडिट अथवा डेविट कार्ड को मात्र छह सेकेंड में हैक किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी भी क्रेडिट अथवा डेविट कार्ड के कार्ड नंबर, एक्सपायरी तिथि तथा सुरक्षा कोड की जानकारी हासिल करके मात्र छह सेकेंड में इसे हैक किया जा सकता है।
अमेरिकी अकादमिक पत्रिका आईईईई सिक्यूरिटी एंड प्राइवेसी ने एक शोध प्रकाशित किया है जिसमें बताया गया है कि ऑनलाईन लेनदेन में किस प्रकार से आसानी से धोाखाधड़ी की जा सकती है।
ब्रिटेन के न्यूकैसल विश्वविद्यालय की टीम ने वीजा भुगतान प्रणाली में खामियों को उजागर करते हुए पाया किसी भी कार्ड के माध्यम से गड़बड़ी करने वालों का न ही नेटवर्क और न ही बैंक इसका पता लगाने के लिए सक्षम है। स्वचालित रूप से और व्यवस्थित कार्ड सुरक्षा डाटा के विभिन्न रूपों से हैकरों को एक ‘हिट’ मिलता है जिससे एक सेकंड के अंदर वे सभी सुरक्षा डेटा सत्यापित करने के लिए सक्षम हैं।
न्यू कैसल टीम ने कहा कि लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से कार्डों के डाटा को हैक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऑनलाईन भुगतान के समय अलग-अलग वेबसाइट में अलग-अलग तरह की सूचनाएं मांगी जाती हैं। इसे तीन वर्गों में बांटा जा सकता है।
मसनल ,कार्ड नंबर एवं एक्सपायरी डेट सीवीवी(सिक्यूरिटी कोड) के बारे में विभिन्न प्रकार से जानकारी मांगी जाती है। चूंकि अलग-अलग वेबसाइटों में विभिन्न अमान्य भुगतान को सही तरह से पकड़ नहीं पाते हैं इसलिए ऑनलाइन भुगतान में खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के साथ धोखाधड़ी से बचने के लिए खातों के स्टेटमेंट की लगातार जांच करके सतर्क रहने की जरूरत है।