नोटबंदी 2016 की बड़ी त्रासदी चिदंबरम

Samachar Jagat | Sunday, 26 Feb 2017 05:00:01 AM
Chidambaram Notbandi great tragedy of 2016

तिरवनंतपुरम। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नोटबंदी को वर्ष 2016 की बड़ी त्रासदी बताते हुये कहा कि इसका प्रतिकूल प्रभाव देश में आने वाले सालों में महसूस किया जायेगा। 

नोटबंदी पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैंने इसे 2016 की त्रासदी क्यों कहा ... क्योंकि इसने देश के 125 करोड़ लोगों को प्रभावित किया है।’’ इस कार्यक्रम का आयोजन केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज ने किया। 

चिदंबरम ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह बड़ी गलती हुई है। यह बिना पूरी जानकारी के किया गया, कालेधन के स्वरूप को समझे बिना यह कदम उठाया गया ... अर्थतंत्र से एक झटके में 2,400 करोड़ नोटों को हटा लेने के असर को समझे बिना और नये नोट छापने की तैयारी किये बिना तथा एटीएम की भूमिका को समझे बिना यह कदम उठाया गया।’’

नोटबंदी का देश की वृद्धि पर प्रभाव के बारे में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस साल 6 प्रतिशत रहेगी जो कि पहले के 7.6 प्रतिशत के वृद्धि अनुमान से 1.6 प्रतिशत कम है। यह गिरावट 2.40 लाख करोड़ रपये के बराबर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुये उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की, एक आदमी की अज्ञानता के कारण भारत को 2.40 लाख करोड़ रपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसकी भरपाई अगले साल भी नहीं हो पायेगी और इसका असर 2018-19 के कुछ महीनों तक बना रहेगा।’’

चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री ने जितनी बातें कहीं थी उनमें से कोई भी काम नहीं हुआ। कालाधन समाप्त नहीं हुआ। भ्रष्टाचार, आतंकवादियों को धन प्रेषण कोई भी समस्या समाप्त नहीं हुई। ‘‘वास्तव में ठीक इसका उल्टा हुआ है।’’ देश को नकदीरहित अर्थव्यवस्था बनाने के सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि भारत नकदीरहित देश नहीं बन सकता और न ही ऐसा करने की जरूरत है। उन्होंने सवाल किया कि कौन सा देश है जो पूरी तरह से नकदी रहित तरीके से काम कर रहा है। जर्मनी में 80 प्रतिशत लेनदेन नकदी में होता है। आस्ट्रेलिया में 60 प्रतिशत, कनाडा में 56 प्रतिशत और अमेरिका में 46 प्रतिशत लेनदेन नकद में होता है। 

उन्होंने कहा, ‘‘जब अमेरिका जैसे देश में 46 प्रतिशत लेनदेन नकद में होता है तो भारत कैसे 100 प्रतिशत नकदी रहित बन सकता है। क्या भारत में पूरी तरह से वाई-फाई काम कर रहा है? क्या यहां 24 घंटे बिजली उपलब्ध है और क्या हर भारतीय का बैंक खाता है? नकदीरहित लेनदेन की लागत पर चिदंबरम ने कहा कि भारत में रोजाना एक लाख करोड़ रपये का लेनदेन होता है और यदि इस लेनदेन को डिजिटल तरीके से किया जाता है तो कोई तीसरा व्यक्ति 1,500 करोड़ रपये की कमाई करेगा। 

चिदंबरम ने कहा कि उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से हटाने का फैसला मोदी ने किसी के साथ चर्चा किये बिना एकतरफा लिया। ‘‘लोकतंत्र में किसी को इस तरह एकतरफा फैसला लेकर उसे लोगों पर थोपने का अधिकार नहीं है।’’ -(एजेंसी)



 
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