नई दिल्ली। वाहन उद्योग ने आज राजस्व सचिव हसमुख अधिया के साथ वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी व्यवस्था में उपकर की दर तथा लक्जरी कारों की परिभाषा पर विचार विमर्श किया।
जीएसटी को अगले साल अप्रैल से लागू किए जाने की उम्मीद है।
राजस्व विभाग के साथ बजट पूर्व बैठक में वाहन उद्योग जीएसटी को लागू करने से पहले परिवर्ती मुद्दों पर चीजें स्पष्ट करने को कहा।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक पवन गोयनका ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने लक्जरी कारों पर लागू होने वाली उपकर की दर तथा उसकी परिभाषा पर विचार विमर्श किया। इस बारे में हमने अपने विचार दिए।’’
जीएसटी परिषद् की पिछले सप्ताह हुई बैठक में चार स्तरीय जीएसटी कर ढांचे 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत पर सहमति बनी। लग्जरी उत्पादों मसलन महंगी कारों और तंबाकू जैसी अहितकर वस्तुओं पर कर की उंची दर लागू होगी और इस पर अतिरिक्त उपकर भी लगेगा। ऐसे में इन उत्पादों पर कर की दर कुल मिलाकर मौजूदा स्तर पर ही रहेगी।
नई कर व्यवस्था में वाहन उद्योग की चिंता के बारे में पूछे जाने पर गोयनका ने कहा कि इसकी परिभाषा, उपकर की दर, परिवर्ती मुद्दों से निपटने आदि पर चीजें स्पष्ट किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों विशेषरूप से पहाड़ी राज्यों द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहनों पर भी स्पष्टीकरण जरूरी है।
मारति सुजुकी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी केनिची आयुकावा ने कहा कि जीएसटी का क्रियान्वयन देश के लिए अच्छा है, लेकिन इसे सुगम तरीके से लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि लक्जरी कारों की परिभाषा पहले जैसी ही रहेगी।’’