नई दिल्ली। जीएसटी परिषद् अगले सप्ताह अपनी बैठक में (वस्तु एवं सेवा कर) जीएसटी कानून तथा मुआवजा कानून के मसौदे पर विचार करेगी। वहीं केंद्र ने इस कानून का मसौदा राज्यों को भेजकर इस पर उनकी टिप्पणियां मांगी हैं।
केंद्र और राज्यों ने पहले ही चार स्तरीय जीएसटी दरों 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत तथा 28 प्रतिशत पर फैसला कर लिया है। हालांकि, अभी दोहरे नियंत्रण से बचाव के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
एक अधिकारी ने कहा कि जीएसटी परिषद् की बैठक 24-25 नवंबर को होगी जिसमें विधेयक के मसौदे पर विचार किया जाएगा।
जीएसटी परिषद् को केंद्रीय जीएसटी सीजीएसटी और एकीकृत जीएसटी आईजीएसटी तथा मुआवजा विधेयकों को मंजूर करना होगा जिसके बाद इन्हें संसद के आज से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकेगा।
अधिकारी ने कहा कि राज्यों को जीएसटी कानून में बदलाव या सुधार के लिए सात दिन दिए जाएंगे। इसके बाद परिषद इन पर विचार करेगी।
सरकार का इरादा जीएसटी को अगले साल अप्रैल से लागू करने का है।
जीएसटी मुआवजा विधेयक से केन्द्र के उस वादे को कानूनी आधार मिलेगा जिसमें उसने कहा है कि राज्यों की राजस्व वृद्धि यदि 14 प्रतिशत से कम रहती है तो केंद्र उसकी भरपाई करेगा। राज्य के राजस्व की गणना के लिए आधार वर्ष 2015-16 होगा।
इस विधेयक में इस बारे में पूरा ब्योरा होगा कि राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये केन्द्र की क्या योजना है।