नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) शशिकांत शर्मा ने कहा है कि नोटबंदी से जुड़े विभिन्न पहलुओं का शीघ्र ही ऑडिट शुरू किया जायेगा।
सरकार ने पिछले वर्ष 08 नवंबर को 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने का निर्णय लिया था। इससे एक ही झटके में चलन के 86 प्रतिशत नोट रद्दी बन गये।
शर्मा ने एक प्रमुख दैनिक को दिये साक्षात्कार में कहा है कि नोटबंदी बैंकिंग और मुद्रा आपूर्ति का मुद्दा है और सह कैग के ऑडिट के अधिकार से बाहर है। लेकिन, नोटबंदी के वित्तीय प्रभाव का ऑडिट कैग के अधिकार क्षेत्र में है क्योंकि इसका सबसे अधिक असर कर राजस्व पर होना है।
कैग ने कहा कि ऑडिट के दौरान नोटों की छपाई पर व्यय और सरकारी कोष के रिजर्व बैंक के लाभांश पर गौर किया जायेगा। शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के मद्देनजर बैंकों में जमा हुये नोटों को लेकर बड़ी मात्रा में मिले आँकडों के विश्लेषण के लिए आयकर विभाग के निजी क्षेत्र की कंपनियों की सेवायें लेने पर विचार करने की खबरें आ रही है।
उन्होंने कहा कि बैंकिंग लेनदेन के आँकडे और राजस्व में बढ़ोतरी का विषय भी कैग के अधिकार क्षेत्र में है। -(एजेंसी)