नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी व्यवस्था को लागू करने में सहायक चार विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब इन विधेयकों को संसद में पेश किया जाएगा।
राज्यों को राजस्व नुकसान की स्थिति में उसकी भरपाई से जुड़े मुआवजा विधेयक, केन्द्र में जीएसटी व्यवस्था को लागू करने के लिए केन्द्रीय जीएसटी सी-जीएसटी, अंतर राज्यीय व्यापार के लिए एकीकृत जीएसटी आई-जीएसटी और केन्द्र शासित प्रदेश के लिये यूटी-जीएसटी विधेयकों को अब संसद में पेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इन्हें धन-विधेयक के तौर पर पेश किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया, जीएसटी से जुड़े पूरक विधेयकों के प्रारूप को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इन्हें अब इस सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा, यहां तक कि आज ही इन्हें पेश किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में जीएसटी विधेयकों को मंजूरी देना एकमात्र एजेंडा था।
सूत्रों ने बताया कि इन चारों विधेयकों पर संसद में एक साथ चर्चा होगी। संसद में इनके पारित होते ही विभिन्न राज्यों में भी राज्य-जीएसटी पर विधानसभाओं में चर्चा और उन्हें पारित कराने का काम शुरू हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली दो बैठकों में राज्य जीएसटी सहित पांचों विधेयकों के प्रारूप पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी थी। राज्य-जीएसटी विधेयक को विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में पारित कराया जाएगा जबकि अन्य चार विधेयक संसद में पारित कराए जाएंगे।
सभी विधेयकों के पारित होने पर एक जुलाई से देश में वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी व्यवस्था को लागू किया जा सकेगा। जीएसटी परिषद ने जीएसटी के तहत चार श्रेणियों में 5,12,18 और 28 प्रतिशत की दर तय की हैं।