2020 तक होंगे 60 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता

Samachar Jagat | Monday, 05 Dec 2016 04:09:46 PM
By 2020 will be 60 million Internet users

नई दिल्ली। स्मार्टफोन की सुलभता के कारण देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या की तेजी से बढ़ती हुई 27 प्रतिशत पर पहुँच गयी है , जिसके वर्ष 2020 तक 60 करोड़ पर पहुँचने की उम्मीद है। 

उद्योग संगठन एसोचैम की डेलॉयट के साथ मिलकर किये गये एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है। अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में देश में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 34 करोड़ 30 लाख है , जो कुल आबादी का 27 प्रतिशत है। इस मामले में भारत अभी चीन से काफी पीछे है, जहाँ 50.3 प्रतिशत आबादी की इंटरनेट तक पहुँच है। वर्ष 2020 तक यह संख्या बढक़र 60 करोड़ पर पहुँच जाने की उम्मीद है।

इसमें कहा गया है कि सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत भारत नेट के बढ़ते दायरे के साथ ग्रामीण आबादी के डाटा आधारित सेवाओं को अपनाने की रफ्तार बढ़ेगी। 

रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन बाजार है। यहाँ मोबाइल सब्सक्राइबरों की संख्या एक अरब से ज्यादा है। इनमें स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या 24 करोड़ के करीब है जो वर्ष 2020 तक दुगुने से भी ज्यादा होकर 52 करोड़ पर पहुँच जायेगी।

एसोचैम ने बताया कि विकसित देशों के मुकाबले भारत के मेट्रो शहरों में स्पेक्ट्रम की उपलब्धता मात्र 10 प्रतिशत है। इससे हाईस्पीड डाटा सेवाएँ मुहैया कराने में बड़ी दिक्कत आ रही है। सार्वजनिक वाई-फाई की उपलब्धता काफी कम है। गाँवों में इंटरनेट सेवा देने में दूरसंचार सेवा प्रदाता अभी भी काफी पीछे हैं। देश भर में 55 हजार से अधिक गाँवों में इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि कंपनियों के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं है। 

रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल इंडिया के रास्ते में कुछ नीतिगत चुनौतियाँ हैं, जैसे कराधान, राइट ऑफ वे, बाधक नियम आदि। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीतियों में स्पष्टता की कमी के कारण ई-कॉमर्स का विकास तेजी से नहीं हो रहा है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को परियोजनाओं के आवंटन पर भी सवाल उठाते हुये कहा गया है कि इन कंपनियों के पास कौशल, अनुभव तथा तकनीकी दक्षता की कमी के कारण परियोजनाओं में देरी होती है जो डिजिटल इंडिया की राह में अतिरिक्त बाधा है। इनके अलावा इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल के बारे में लोगों में जानकारी का अभाव तथा डिजिटल सेवाओं का स्थानीय भाषाओं में न/न होना भी डिजिटल इंडिया के रास्ते का रोड़ा है।

एसोचैम ने कहा कि इस साल अगस्त में 32 लाख उपभोक्ताओं के डाटा चोरी हो जाना सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की जरूरत को रेखांकित करता है। डिजिटल अवसंरचना के निर्माण में निजी क्षेत्रों के साथ साझेदारी महत्त्वपूर्ण है। रिपोर्ट में ग्रामीण और सुदूर इलाकों में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन पैकेज दिया जाना चाहिये। इन इलाकों में ब्रॉडबैंड सेवा पहुँचाने के लिए उपग्रह संचार उपचारों का इस्तेमाल किया जा सकता है।                -एजेंसी



 

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