नई दिल्ली। बैंकों को बड़ी मात्रा में फंसे कर्ज एनपीए के बीच बड़ी राशि के नोटों पर पाबंदी से भारी जमा के बावजूद अधिक कर्ज देने में कठिनाई होगी।
उद्योग मंडल एसोचैम और केयर रेटिंग्स ने कहा, ‘‘बैंक में एनपीए काफी अधिक है और पहले से अधिक कर्ज ले रखे उद्योग की अधिक ऋण की इच्छा कम हुई है। बांड रिटर्न के नीतिगत ब्याज दर से कम होने के बावजूद यह बैंकों द्वारा कर्ज बढ़ाए जाने के रास्ते में बाधा है।’’
अध्ययन ‘इंडियन बांड मार्केट’ के तहत बैंक ढांचागत परियोजनाओं को कर्ज देने में इच्छुक नहीं हैं जबकि इस क्षेत्र को सबसे पहले पटरी पर लाने की जरूरत है क्योंकि इसका सकारात्मक प्रभाव दूसरे क्षेत्रों पर पड़ेगा।
इसमें कहा कि बैंक बुनियादी ढांचे तथा अधिक कर्ज ले रखे धातु, कपड़ा तथा इंजीनियरिंग क्षेत्रों को कर्ज देने में अक्षमता से वृद्धि पर असर पड़ा है।