बैंकों के पास अब कैश की कोई कमी नहीं, सस्ते होंगे लोन

Samachar Jagat | Thursday, 17 Nov 2016 09:19:39 AM
Banks are not short of cash, be cheap loans

मुंबई। 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद देशभर के लोग बैंकों की तरफ भाग रहे है। बैंकों के पास इससे इतना कैश जमा हो रहा है कि उन्होंने डिपॉजिट रेट्स में कटौती शुरू कर दी है। इसके बाद लोन सस्ते होंगे। इससे रिजर्व बैंक की लंबे समय से चली आ रही यह शिकायत भी दूर हो जाएगी कि बैंक उसके रेट कट का पूरा फायदा कस्टमर्स को नहीं दे रहे हैं।

दिल्ली और दूसरी कई जगहों पर बैंकों के पास बुधवार को कैश खत्म हो गया, लेकिन कुछ शहरों में बैंक ब्रांचों के बाहर की लाइन छोटी होने की खबरें भी आईं। संसद में विपक्षी दलों ने सरकार पर 500 और 1,000 रुपये के नोट वापस लेने पर हमला बोला। उन्होंने इस फैसले को संवेदनहीनता बताया। विपक्षी दलों ने कहा कि इससे आम लोगों को बहुत परेशानी हो रही है और इससे देश में 'आर्थिक अराजकता' का माहौल बन गया है। 

एसबीआई ने एक साल से 455 दिनों के डिपॉजिट रेट को घटाकर 6.90 प्रतिशत कर दिया है। उसने इसमें 0.15 प्रतिशत की कटौती की है। वहीं, बैंक ने 211 से एक साल के डिपॉजिट के लिए डिपॉजिट रेट को पहले के 7 पर्सेंट पर बनाए रखा है। यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है जो बैंकों में पैसे जमा करा रहे हैं, लेकिन इससे कुछ ही हफ्तों में लोन सस्ते होने लगेंगे। इससे इकनॉमी को बूस्ट मिलेगा, जिससे जीडीपी ग्रोथ बढ़ेगी।

एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, 'सभी रेट्स कम होंगे। बैंकों के पास काफी डिपॉजिट आ रहा है, लेकिन लोन की मांग कम है। इसलिए कुछ समय बाद लोन की दरें कम होंगी।' प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर की रात को आधी रात के बाद 500 और 1,000 रुपये के नोट का इस्तेमाल कुछ जरूरी सेवाओं को छोडक़र बंद कर दिया था। सरकार ने ब्लैक मनी, नकली करेंसी और करप्शन पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है।

एक अनुमान के अनुसार, इसके बाद से बैंकों के पास अब तक 4 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट आ चुका है। यह कितनी बड़ी रकम है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 30 दिसंबर तक 10 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट बैंकों में आने की बात कही थी। एसबीआई और उसके सहयोगी बैंकों को बुधवार तक 1 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट मिल चुका था। देश के बैंकिंग मार्केट के 25 प्रतिशत हिस्से पर एसबीआई और उसके सहयोगी बैंकों का कब्जा है। प्राइवेट बैंकों में एक्सिस ने रेट घटाने की पहल की है। उसने लोन की दरों में 0.15-0.20 प्रतिशत की कमी की है। बैंक अब 9.05 प्रतिशत का ब्याज लेगा। यह एसबीआई के 8.90 प्रतिशत से अधिक है।



 

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