नई दिल्ली। दुनिया की प्रमुख इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल ने आर्थिक और बाजार मोर्चे पर कठिन परिस्थितियों को देखते हुए अपनी विलय एवं अधिग्रहण तथा निवेश गतिविधियों में कटौती का फैसला किया है। आर्सेलरमित्तल इस स्थिति के चलते संपत्तियों के अधिकाधिक इस्तेमाल तथा गैर प्रमुख संपत्तियों की बिक्री पर ध्यान केंद्रित करेगी।
प्रवासी भारतीय उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल की अगुवाई वाली कंपनी ने अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि कठिन बाजार परिस्थितियों की वजह से आर्सेलरमित्तल ने विलय एवं अधिग्रहण तथा नए निवेश की गतिविधियों में कमी की है।
आर्सेलरमित्तल वर्ष 2006 में मित्तल स्टील और आर्सेलर के 30 अरब डॉलर के विलय सौदे के बाद अस्तित्व में आई थी। कंपनी गैर प्रमुख संपत्तियों में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। इसी रणनीति के तहत कंपनी ने हाल ही में जेस्टैंप में अपनी अल्पांश हिस्सेदारी बेची थी।